तेजस्वी यादव की जमानत खारिज कराने अदालत पहुंची CBI, अधिकारियों को धमकी देने का आरोप
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली की एक अदालत में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की याचिका दायर की है। दरअसल, तेजस्वी कथित IRCTC घोटाला मामले में जमानत पर बाहर है। तेजस्वी ने कथित तौर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में CBI अधिकारियों को धमकी दी थी। इसे लेकर CBI का कहना है कि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है और उनकी जमानत खारिज की जाए।
तेजस्वी यादव से मांगा गया जवाब
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष जज गीतांजलि गोयल ने CBI की याचिका पर तेजस्वी यादव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। बता दें कि इस मामले में तेजस्वी और उनकी मांग राबड़ी देवी को 2018 में जमानत मिली थी।
तेजस्वी ने क्या कहा था?
NDTV के अनुसार, पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने कहा था, "क्या CBI अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते, क्या उनका परिवार नहीं है, क्या वे हमेशा CBI के अधिकारी रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होगे, सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।" इसी बयान पर आपत्ति जताते हुए CBI ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
क्या है भ्रष्टाचार का मामला?
केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने IRCTC के दो होटलों के रखरखाव और संचालन का ठेका देने में एक निजी कंपनी की तरफदारी थी। इसके बदले में यादव परिवार को पटना की एक प्रमुख जगह पर उस कंपनी के मालिक से बेहद कम दामों में जमीन मिली थी। इस मामले में लालू, राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है।
मई में दर्ज हुआ था नया मामला
CBI ने मई में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने लालू पर आरोप लगाए थे कि UPA सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने घूस में जमीन और प्लॉट लेकर लोगों को नौकरियां दी थीं।
पिछले महीने बिहार के उपमुख्यमंत्री बने थे तेजस्वी
बिहार में पिछले महीने नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी और रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपत ली थी। तेजस्वी 2015 में भी बिहार के उपमुख्यमंत्री बने थे और तब भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे। बाद में नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव की पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी।