उत्तर प्रदेश में CBI जैसी जांच एजेंसी चाहते हैं योगी आदित्यनाथ, दिए कानून बनाने के आदेश
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश सरकार नया कानून लाने पर विचार कर रही है, जिससे राज्य की आपराधिक जांच यूनिट को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी शक्तियां मिल जाएंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्रालय को दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम का मसौदा तैयार करने को कहा है।
बता दें कि CBI दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत ही काम करती है।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
समयसीमा
कानून पर काम शुरू करने के लिए अधिकारियों के पास 100 दिन
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इसे लेकर कई विभागों के साथ बैठक की थी और गृह विभाग को इस पर काम शुरू करने के लिए 100 दिनों का समय दिया है। कोई भी अधिकारी फिलहाल इसके मूर्त रूप पर बोलने से बच रहा है।
बता दें, SIT प्रभावशाली और उच्च पदों पर पर रहने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों, गंभीर अनियमितताओं और आर्थिक अपराधों की जांच करती है और महानिदेशक स्तर के अधिकारी इसका नेतृत्व करते हैं।
बयान
SIT को मजबूत करना है लक्ष्य- अवस्थी
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने द प्रिंट को बताया कि नए कानून का मकसद राज्य की विशेष जांच टीम (SIT) को मजबूत करना है। यह अभी कानूनी रूप से उतनी मजबूत नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश का यह कानून देशभर में अपनी तरह का पहला कदम होगा। हालांकि, अभी भी कई राज्यों में नए कानून बनाकर पुलिस यूनिट बनाई गई है, लेकिन वो मुख्य तौर पर सुरक्षा के लिए हैं।
जानकारी
उत्तर प्रदेश में पहले से हैं SSF
उत्तर प्रदेश के पास पहले से स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) है और इसका गठन उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स एक्ट, 2020 के तहत किया गया है। SSF के पास बिना किसी वारंट गिरफ्तारी का अधिकार है।
वहीं CBI देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों में शामिल है और इसका गठन सबसे पहले 1941 में युद्ध संबंधी खरीद में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए हुआ था। यह केंद्र के आदेश पर कई तरह के अपराधों की जांच करती है।
जानकारी
विशेषज्ञों में नए कानून को लेकर मतभेद
अभी महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और कर्नाटक आदि राज्यों में गंभीर अपराधों के लिए विशेष कानून बनाए गए हैं, लेकिन इनके तहत जांच करने वाली टीमें सामान्य पुलिस ही होती है। उत्तर प्रदेश में नए कानून के तहत विशेष शक्तियों वाली टीमें बनाई जा सकेंगी।
कई जानकारों ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित कानून की जरूरत को लेकर सवाल उठाए हैं, तो कुछ का कहना है कि बदलते समय में ऐसे कानूनों की जरूरत है।