ED की शिकायत पर कोलकाता पुलिस के खिलाफ FIR, कोर्ट के आदेश में फर्जीवाड़े का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अभिषेक बनर्जी से जुड़े एक मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में कोलकाता पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें कोलकाता पुलिस पर अदालत के एक आदेश में हेराफेरी और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अभिषेक बनर्जी मामले में कोर्ट के कुछ दस्तावेज फर्जी पाए गए थे, जिसमें आदेश कोलकाता पुलिस की तरफ से था।
अवैध खनन से जुड़ा है मामला
बता दें कि ED ने केंद्रीय जांच ब्यूरों (CBI) की ओर से नवंबर 2020 में दर्ज की गई FIR के आधार पर पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसमें आसनसोल, कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये का कोयला चोरी का आरोप लगाया गया था। ED ने दावा किया था कि सांसद बनर्जी इस अवैध कारोबार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं। हालांकि, बनर्जी ने आरोपों से इनकार किया है।
ED अधिकारियों का ऑडियो सामने आने के बाद उठा था विवाद
पिछले साल बनर्जी के खिलाफ कोयला तस्करी मामले पर चर्चा करते हुए ED अधिकारियों का एक ऑडियो सामने आया था। उसके आधार पर बनर्जी ने ED के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। इसके बाद अलीपुर कोर्ट ने ED अधिकारियों की आवाज की पुष्टि के लिए उनकी सहमति से आवाज के सैंपल लेने के आदेश दिए थे, लेकिन कोलकाता पुलिस ने आदेश में छेड़छाड़ कर बिना सहमति सैंपल लेने का समन ED के संयुक्त निदेशक कपिल राज को भेज दिया।
जांच में फर्जी पाया गया कोर्ट का आदेश
दरअसल, तीन सप्ताह पहले बनर्जी ने इस पूरे मामले से जुड़े 1,000 से अधिक पन्नों के दस्तावेजों को ईमेल के जरिए ED कार्यालय में जमा कराया था। इसमें अलीपुर कोर्ट की ओर से आवाज का सैंपल लेने का भी आदेश था, जिसमें कोलकाता पुलिस की मुहर लगी थी। जांच में सामने आया कि कोर्ट ने सहमति से सैंपल लेने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस ने उसमें हेराफेरी कर बिना सहमति सैंपल लेना बताकर समन जारी किया था।
कोलकाता पुलिस के खिलाफ दर्ज कराई FIR
ED अधिकारियों ने बतया कि कोर्ट के आदेश में फर्जीवाड़ा करने को लेकर दिल्ली की अपराध शाखा में कोलकाता पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। इसमें आरोप है कि कोलकाता पुलिस ने ED अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए कोर्ट के आदेश में फर्जीवाड़ा कर दिया। यह पूरी तरह से कोर्ट के आदेशों को बदलने के समान है। इस FIR के आधार पर अब अपराध शाखा कोलकाता पुलिस के खिलाफ मामले की जांच में जुटी है।