केंद्र सरकार में शामिल नहीं होगी नीतीश कुमार की JDU
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने आज साफ किया कि वह केंद्र सरकार में शामिल नहीं होगी। JDU ने रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) के पार्टी से इस्तीफे के बाद ये बात कही है। अभी तक वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल पार्टी के एकमात्र मंत्री थे। पार्टी ने कहा कि उसकी तरफ से अन्य कोई नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा और वह केंद्र सरकार से बाहर रहेगी।
JDU ने क्या कहा?
मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा, "हम 2019 के अपने रुख पर कायम रहेंगे। तब लोकसभा चुनाव के बाद हमने केंद्र सरकार में शामिल न होने का फैसला लिया था।" भाजपा और JDU के बीच मनमुटाव की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच सब ठीक है। वहीं आरसीपी सिंह के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि उनका शरीर JDU में था, लेकिन आत्मा कहीं और थी।
रंजन ने इशारों-इशारों में साधा भाजपा पर निशाना
आरसीपी सिंह और भाजपा पर निशाना साधते हुए राजीव रंजन ने कहा, "JDU डूबता हुआ जहाज नहीं है। ये तैरता हुआ जहाज है। कुछ लोग इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, नीतीश कुमार ने उनकी पहचान कर इसे ठीक करने के लिए कदम उठाए... नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी और इसलिए हम केवल 43 सीटें जीते। 2020 में चिराग पासवान के नाम पर एक मॉडल आया। अब एक और मॉडल तैयार किया जा रहा है।"
आरसीपी सिंह ने शनिवार को दिया था इस्तीफा
हालिया समय तक JDU में नंबर दो रहे आरसीपी सिंह ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दिया था। भ्रष्टाचार के कुछ मामलों में पार्टी के उनसे स्पष्टीकरण मांगने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया था। हालांकि उनके और नीतीश के बीच पिछले काफी समय से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। इसी मनमुटाव की वजह से JDU ने इस साल सिंह को वापस राज्यसभा नहीं भेजा था जिसके कारण उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद गंवाना पड़ा।
सिंह से क्यों नाराज हुए नीतीश कुमार?
नीतीश के सिंह से नाराज होने की कई वजह हैं। दावा किया जाता है कि सिंह नीतीश की रजामंदी के बिना केंद्र सरकार में मंत्री बने थे, जबकि नीतीश पहले ही सरकार में मंत्री पद न लेने का ऐलान कर चुके थे। पिछले कुछ समय में उन्हें JDU में भाजपा का आदमी माना जाने लगा था और उन्होंने जातिगत जनगणना समेत कई मुद्दों पर JDU की पार्टी लाइन से अलग रवैया अपनाया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी रहे आरसीपी सिंह को JDU में नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी माना जाता था। वह पहली बार 1996 में नीतीश के संपर्क में आए थे। तब वह तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव थे और नीतीश उनके कामकाज से बेहद प्रभावित हुए थे। इसके बाद नीतीश ने उन्हें अपने साथ ही रखा। नीतीश और सिंह दोनों बिहार के एक ही जिले (नालंदा) और एक ही जाति (कुर्मी) से आते हैं।