रामदेव ने की जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग, कहा- तीसरे बच्चे को न मिलें सरकारी सुविधाएं
योग गुरु बाबा रामदेवन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने भारत की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि तीसरा बच्चा होने पर उस बच्चे को वोट देने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या अगले 50 सालों में 150 करोड़ से पार नहीं होनी चाहिए। इसके साथ-साथ रामदेव ने गोवध रोकने के लिए सरकार से कदम उठाने की मांग की है।
अधिक जनसंख्या के लिए तैयार नहीं भारत- रामदेव
हरिद्वार में एक कार्यक्रम में बोलते हुए रामदेव ने कहा, "हमारी जनसंख्या किसी भी हालत में 150 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए। हम इससे अधिक जनसंख्या के लिए तैयार नहीं है।" उन्होंने कहा, "यह तभी संभव हो सकता है जब एक कानून बनाकर इस पर रोक लगाई जाए। तीसरे बच्चे को वोट देने का अधिकार न हो, ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए और उन्हें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिलनी चाहिए।"
तीसरे बच्चे को न मिले मतदान का अधिकार- रामदेव
कानून नहीं बना तो अभिशाप बन जाएगी जनसंख्या- रामदेव
रामदेव ने कहा कि उनका मंत्र है जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति के बावजूद हम दो, हमारे दो, सबके दो। उन्होंने कहा कि 'हम दो, हमारे दो' के संकल्प के रास्ते में कोई जाति, कोई धर्म, कोई राजनीति नहीं आनी चाहिए। अगर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो जनसंख्या अभिशाप बन जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि गौहत्या पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। अगर ऐसा होगा तो गौ-तस्करों और गौ-रक्षकों के बीच झगड़े नहीं होंगे।
रामदेव बोले- पूरे देश में हो शराबबंदी
बाबा रामदेव ने पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि जब इस्लामिक देशों में शराबबंदी हो सकती है तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। भारत साधुओं की धरती है इसलिए पूरे देश में शराबबंदी होनी चाहिए।
भाजपा नेता गिरिराज करते रहे हैं कानून की मांग
भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग कर रहे है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे और बेगूसराय से लोकसभा चुनाव जीतने वाले गिरिराज का कहना था कि अधिक जनसंख्या विकास और सामाजिक सद्भावना की राह में रुकावट है। इसलिए इस पर रोक लगाने के लिए कानून आना चाहिए। हालांकि, पिछले साल जनवरी में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ऐसे किसी कानून की जरूरत से इनकार किया था।