किन-किन पुराने मंत्रियों को नहीं मिली प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में जगह, जानें
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल की घोषणा हो चुकी है और कई नए चेहरों को इसमें जगह दी गई है।
इस बीच कई पुराने चेहरों को प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में जगह नहीं मिली है।
इनमें से कुछ सेहत और अन्य कारणों से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए, वहीं कई की छुट्टी कर दी गई।
मोदी ने कुल मिलाकर 37 पुराने चेहरों की अपनी नई टीम से छुट्टी कर दी।
आइए जानते हैं कौन-कौन बाहर हुआ।
दिग्गज चेहरे
खराब स्वास्थ्य के कारण बाहर रहे जेटली और सुषमा
जिन नेताओं को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, उनमें अरुण जेटली और सुषमा स्वराज सबसे बड़े नाम हैं।
जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर खुद को कोई प्रभार नहीं देने की अपील की थी, ताकि वह अपनी सेहत पर ध्यान दे सकें। इस कारण उनको मंत्रिमंडल में जगह न मिलना पहले से तय था।
सुषमा के बारे में सार्वजनिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है, लेकिन उनके बाहर होने का कारण भी खराब स्वास्थ्य माना जा रहा है।
राज्यवर्धन राठौर
राज्यवर्धन राठौर को भी नहीं मिली जगह
राज्यवर्धन सिंह राठौर एक और ऐसा बड़ा नाम रहा जिन्हें मोदी की नई टीम में जगह नहीं मिली।
सेना में कर्नल रहे और ओलंपिक पदक जीतने वाले राठौर को पिछली सरकार में सूचना प्रसारण का स्वतंत्र प्रभार दिया गया था।
इसके अलावा वह युवा कार्य और खेल मंत्रालय का प्रभार भी उन्हें दिया गया था।
वह मोदी सरकार के युवा चेहरों में से एक थे और कामकाज ठीक रहा था।
वह जयपुर ग्रामीण से दोबारा सांसद चुने गए हैं।
जानकारी
मंत्रिमंडल से बाहर नड्डा, पार्टी अध्यक्ष बनने की अटकलें
पार्टी नेतृत्व के करीब माने जाने वाले जेपी नड्डा को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। चर्चा है कि अगर अमित शाह पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो वह अगले भाजपा अध्यक्ष हो सकते हैं। वह पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे थे।
सुरेश प्रभु
शिवसेना छोड़ भाजपा में शामिल हुए सुरेश प्रभु भी बाहर
पिछली सरकार में वाणिज्य और उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री रहे सुरेश प्रभु को भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
ईमानदार, मृदुभाषी और बिना चर्चा में आए अपना काम प्रभावी ढंग से करने वाले प्रभु रेल मंत्री भी रहे थे।
2014 में मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए वह शिवसेना को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और इसे लेकर दोनों सहयोगियों में मनमुटाव भी हुआ था।
महिला चेहरे
मेनका गांधी और उमा भारती भी बाहर
पुराने सरकार के दो महिला चेहरों, मेनका गांधी और उमा भारती, को भी नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
चार सरकारों में मंत्री रह चुकी मेनका पिछली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं।
उन्हें नया अध्यक्ष चुने जाने तक लोकसभा का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है।
वहीं, लोकसभा चुनाव न लड़ने वाली उमा को गंगा सफाई और पेयजल और स्वच्छता का प्रभार दिया गया था, जिसमें से गंगा सफाई के प्रभार को 2017 में छीन लिया गया।
राज्य मंत्री
जयंत सिन्हा और मनोज सिन्हा को भी नहीं मिला मौका
पिछली सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे जयंत सिन्हा को भी मोदी की नई टीम में जगह नहीं मिली है।
2014 में सरकार बनने के बाद वह वित्त राज्य मंत्री भी रहे थे।
वहीं, रेल राज्य मंत्री रहे मनोज सिन्हा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था और इस कारण उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
मनोज को चर्चा से दूर रहकर कड़ी मेहनत के साथ कार्य करने के लिए जाना जाता है।
अन्य नाम
राधामोहन सिंह समेत इन मंत्रियों की भी छुट्टी
कृषि संकट के बीच कृषि मंत्री जैसा अहम पद संभालने वाले राधामोहन सिंह की भी छुट्टी कर दी गई है।
उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और वह किसानों को राहत पहुंचाने का कोई रास्ता नहीं खोज पाए थे।
बाहर होने वाले चेहरों में अनंत गीते, चौधरी बीरेंद्र सिंह और जुआल ओरम अन्य कैबिनेट मंत्री रहे।
वहीं, जिन 22 राज्य मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया, उनमें विजय गोयल, अनंत कुमार हेगड़े, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह आदि शामिल हैं।