भाजपा सांसद की धमकी- आंखें दिखाईं तो आंखें निकाल लेंगे, हाथ उठाए तो हाथ काट देंगे
क्या है खबर?
भाजपा सांसद अरविंद शर्मा ने शनिवार को कांग्रेस और आंदोलनकारी किसानों को धमकी देते हुए कहा कि जो भी उनके साथी मनीष ग्रोवर का विरोध करेगा, वो उसकी आंखें निकाल लेंगे और हाथ काट देंगे।
उन्होंने ये बयान कल हुई उस घटना के विरोध में दिया है जिसमें नाराज किसानों ने हरियाणा के रोहतक में ग्रोवर को घेर लिया था और उन्हें आठ घंटे तक मंदिर से बाहर नहीं निकलने दिया था। किसान उनके एक बयान से नाराज थे।
बयान
क्या बोले अरविंद शर्मा?
रोहतक से भाजपा सांसद अरविंद शर्मा ने आज एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "एक और बात सुन लें कांग्रेस पार्टी और दीपेंद्र हुड्डा। अगर कोई मनीष ग्रोवर की तरफ आंख उठाकर देखेगा तो उसकी आंख निकाल लेंगे, हाथ उठाएगा तो उसके हाथ को हाट देंगे... ये छटपटा रहे हैं। किस बात के लिए छटपटा रहे हैं, राज के लिए। ये लिख लें कि 25 साल कांग्रेस चक्कर काटती रहेगी और भाजपा राज करेगी।"
पृष्ठभूमि
मनीष ग्रोवर के साथ क्या हुआ था?
नाराज किसानों ने शनिवार को मनीष ग्रोवर और अन्य भाजपा नेताओं को रोहतक के किलोई गांव के एक मंदिर में घेर लिया था। किसान उन्हें 'बेरोजगार शराबी' और 'बुरे तत्व' बताने के ग्रोवर के बयान से नाराज थे और इसी के विरोध में उनका घेराव किया था।
ग्रोवर लगभग आठ घंटे तक इस मंदिर के अंदर बंद रहे थे और हाथ जोड़ने के बाद ही उन्हें बाहर निकलने दिया गया था। उनके साथ मंत्री रविंद्र राजू भी बंदी थे।
इनकार
ग्रोवर ने किया माफी मांगने की बात से इनकार
हालांकि ग्रोवर ने घटनास्थल से निकलने के बाद किसी भी तरह की माफी मांगने से इनकार किया था।
उन्होंने दावा किया कि उन्हें सभी की तरफ हाथ हिलाने को कहा गया था और उन्होंने माफी नहीं मांगी। ग्रोवर ने कहा कि जब उनका मन होगा, तब वे इस मंदिर में आएंगे।
अब इसी घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सांसद अरविंद शर्मा ने ये आपत्तिजनक बयान दिया है जो नया विवाद खड़ा कर सकता है।
विरोध
भाजपा नेताओं को करना पड़ रहा है विरोध का सामना
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के कारण भाजपा नेताओं को पंजाब और हरियाणा में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में स्थिति खासतौर पर नाजुक है और भाजपा नेताओं को गांवों में घुसने तक नहीं दिया जा रहा है।
राज्य के किसान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को कई बार किसानों के विरोध के कारण अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी है। कई बार टकराव की स्थिति भी पैदा हो चुकी है।
किसान आंदोलन
लगभग एक साल से आंदोलन कर रहे हैं किसान
गौरतलब है कि किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 25 नवंबर, 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे है। इससे गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर सबसे अहम हैं।
किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक कानून बनाए। सरकार कानूनों में संशोधन करने को तैयार है, लेकिन इन्हें वापस लेने से इनकार कर चुकी है।