पंजाब: नवजोत सिंह सिद्धू ने सशर्त वापस लिया कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा
क्या है खबर?
पंजाब कांग्रेस में चल रहा अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कांग्रेस नेता नवोजत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन उन्होंने कार्यभार फिर से संभालने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के सामने नई शर्त कर रख दी है।
इस्तीफा वापस लेते हुए सिद्धू ने कहा कि जैसे ही नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति हो जाएगी तो वह फिर से अपने कार्यालय में काम पर लौट आएंगे।
जानकारी
सिद्धू ने प्रसे कॉन्फ्रेंस कर दी इस्तीफा वापस लेने की जानकारी
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सिद्धू ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपना इस्तीफा वापस लेने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के इस सिपाही ने अपना इस्तीफ़ा वापस ले लिया है। जिस दिन नए एडवोकेट जनरल और पुलिस महानिदेशक (DGP) बनेंगे और नया पैनल आ जाएगा, मैं उस दिन से कांग्रेस कार्यालय जाकर अपना कार्यभार सभाल लूंगा।"
आरोप
सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी पर लगाए कई आरोप
सिद्धू ने कहाकि साल 2017 में दो मुद्दों पर पुरानी सरकार गई और नई आई थी। अब फिर नए मुख्यमंत्री आए हैं। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों के वक्त जो तत्कालीन DGP सुमेध सिंह सैनी थे, उनकी पैरवी करने वाले वकील को एडवोकेट जनरल लगा दिया गया।
उन्होंने कहा कि पिछले 50 दिनों में इस सरकार ने ड्रग्स मामले में STF की रिपोर्ट खुलवाने और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों के इंसाफ के लिए क्या किया?
स्पष्ट
सिद्धू ने स्पष्ट किया अपना उद्देश्य
सिद्धू ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से लंबे समय से मिल रहे हैं। पंजाब भवन में हुई पहली बैठक में नया DGP लगाना तय हुआ था। 90 दिन की सरकार है, 50 दिन हो गए हैं। व्यक्तिगत कुछ भी नहीं है। वह उनसे राज्य के लिए बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि उनका मुख्यमंत्री से कोई मतभेद नहीं है। वह सबकुछ पंजाब के लिए करतें हैं। वह पंजाब के लिए खड़े हैं। पंजाब ही उनकी आत्मा और लक्ष्य है।
पृष्ठभूमि
सिद्धू ने 28 सितंबर को दिया था इस्तीफा
बता दें नवजोत सिंह सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था।
सोनिया गांधी को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा, 'किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से होती है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।'
उन्हें जुलाई में पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी।
प्रयास
मुख्यमंत्री चन्नी ने की थी सिद्धू से मुलाकात
सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद हालातों को समझते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उसे स्वीकार नहीं किया। इसके साथ ही स्थानीय नेतृत्व से मामला सुलझाने को कहा था।
उसके बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने उनसे मुलाकात कर पद पर बने रहने के लिए मनाने का प्रयास किया था। उसके बाद से उनकी वापसी के कयास तेज हो गए थे।
दरअसल, सिद्धू ने नए एडवोकेट जनरल और DGP की नियुक्ति का विरोध किया था। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था।