भारत में पिछले साल राजस्थान में दर्ज हुए दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले- NCRB
सरकार के तमाम दावों के बाद भी देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं थम रहे हैं। साल 2020 में देश में हुए दुष्कर्म के मामलों में कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान शीर्ष पायदान पर रहा है। इसने वहां की पुलिस की कार्य शैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किए साल 2020 के अपराध डाटा में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आइए जानते हैं राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों की स्थिति।
राजस्थान में दर्ज हुए दुष्कर्म के 5,310 केस
NCRB के रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2020 में राजस्थान में दुष्कर्म के सबसे अधिक 5,310 मामले दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा बताता है कि राजस्थान में महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 2,769 मामलों के साथ दूसरे, मध्य प्रदेश 2,339 मामलों के साथ तीसरे और महाराष्ट्र 2,061 दुष्कर्म के मामलों के साथ चौथे पायदान पर है। इन राज्यों में भी दुष्कर्म के मामलों में इजाफा देखने को मिला है। यह बड़ी चिंता का विषय है।
राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों में आई कमी
NCRB के रिकॉर्ड के अनुसार, रेगिस्तानी राज्य की श्रेणी में आने वाले राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ होने वाले कुल अपराधों में साल 2019 की तुलना में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है। राजस्थान महिलाओं के खिलाफ दर्ज हुए कुल 34,535 मामलों के साथ तीसरे पायदान पर रहा है। जबकि, साल 2019 में यह दूसरे पायदान पर रहा था। इसी तरह उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक 49,385 और पश्चिम बंगाल में 36,439 मामले दर्ज हुए हैं।
राजस्थान में 1,279 नाबालिगों से हुआ दुष्कर्म
NCRB के रिकॉर्ड के अनुसार, राजस्थान में दर्ज हुए दुष्कर्म के कुल 5,310 मामलों में से 1,279 पीड़िताओं की उम्र 18 साल से कम थी। इसी तरह 4,031 महिलाओं की उम्र 18 साल से अधिक थी। ऐसे में राज्य की हालत काफी खराब रही है।
अधिकतर मामलों में पारिवारिक मित्र और पड़ोसी निकले अपराधी
रिकॉर्ड के अनुसार, राजस्थान में दर्ज हुए दुष्कर्म के अधिकतर मामलों की शिकायत में पीड़िताओं ने पारिवारिक मित्र, पड़ोसी, सह कर्मचारी या फिर अन्य जानकार लोगों को ही आरोपी बनाया है। इसी तरह राजस्थान में अनुसूचित जाति की महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में भी इजाफा देखने को मिला है। साल 2018 में अनुसूचित जाति के खिलाफ 4,607 मामले, 2019 में 6,794 और 2020 में कुल 7,017 मामले दर्ज किए गए हैं। इस वर्ष अपराध दर 57.4 प्रतिशत रही है।
राजस्थान में इस कारण बढ़ रही है मामलों की संख्या
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG), अपराध रवि प्रकाश मेहरदा ने कहा, "मुफ्त पंजीयन के कारण मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है। दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन जांच में 42 प्रतिशत मामले झूठे या फिर आरोपी और पीड़िताओं के समझौते के कारण खत्म हो जाते हैं।" उन्होंने कहा, "अपराधों में वास्तविक बढ़ोतरी और दर्ज मामलों की संख्या में इजाफा होना दोनों अलग-अलग मामले हैं। इससे अपराधों का आंकलन नहीं हो सकता।"
भाजपा ने साधा सरकार पर निधाना
राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों में इजाफा होने को देखते हुए अब विपक्ष ने भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता मुकेश पारीक ने कहा कांग्रेस के शासन में राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। सरकार इसे बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद गृह विभाग के प्रमुख है, लेकिन वह पूरे समय अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त रहे हैं।