असम में भाजपा ने जीतीं दोनों राज्यसभा सीटें, क्रॉस-वोटिंग के कारण हारा कांग्रेस का प्रत्याशी

गुरूवार को असम में दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुए और इन दोनों ही सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगियों ने कब्जा कर लिया। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास दूसरी सीट को जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं थे और ये सीट विपक्षी गठबंधन के खाते में जाती हुई दिख रही थी, लेकिन कांग्रेस अपने विधायकों और सहयोगियों को एकजुट नहीं रख सकी। कांग्रेस और उसके सहयोगियों के कुछ विधायकों के क्रॉस-वोटिंग की जिससे उनका उम्मीदवार हार गया।
दो सीटों पर हुए इस चुनाव में भाजपा गठबंधन ने पवित्र मार्गेरिटा (भाजपा) और रवंगवारा नारजारी (यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल) को मैदान में उतारा था। वहीं विपक्षी पार्टियों, कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) और रायजोर दल, ने एक साथ आकर अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया था। विपक्ष ने असम कांग्रेस के पूर्व प्रमुख रिपुन बोरा को अपना प्रत्याशी बनाया। कम वोट होने के कारण दूसरी सीट पर किसी को नहीं उतारा गया।
126 सीट वाली असम विधानसभा में भाजपा के 63 विधायक हैं, वहीं उसके गठबंधन के सहयोगियों यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (UPPL) और असम गण परिषद (AGP) के पास क्रमशः सात और नौ सीटें हैं। भाजपा गठबंधन को अन्य पार्टियों के चार और विधायकों का समर्थन हासिल था और इस तरह उसके पास कुल 83 वोट थे। विपक्ष के पास कुल 44 वोट थे जिनमें कांग्रेस के 27, AIUDF के 15 और CPIM और रायजोर के एक-एक विधायक थे।
असम में राज्यसभा सीट जीतने के लिए 43 वोट चाहिए, यानि भाजपा गठबंधन के पास दूसरी सीट जीतने के लिए तीन वोट कम थे। हालांकि जब वोटिंग के नतीजे आए तो ये सारे आंकड़े पलट गए। भाजपा गठंबधन के मार्गेरिटा को 46 और नारजारी को 44 वोट मिले और उन्होंने दोनों सीटें जीत लीं। वहीं कांग्रेस के बोरा को मात्र 35 वोट मिले और विपक्ष के कम से कम आठ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।
नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने दक्षिण करीमगंज से अपने विधायक सिद्दीकी अहमद को गलत तरीके से वोट डालने के लिए निलंबित कर दिया। सिद्दीकी ने अपने वोट में 'ONE' की बजाय '1' लिख दिया था, जिसकी वजह से उनका वोट रद्द हो गया। पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है, वहीं सिद्दीकी ने अपना बचाव करते हुए पार्टी हाईकमान से अपील करने की बात कही है।
क्रॉस-वोटिंग करने वाले विधायकों को लेकर कांग्रेस और उसकी सहयोगी AIUDF आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने AIUDF पर अपने कुछ विधायकों से क्रॉस-वोटिंग कराने का आरोप लगाया है, वहीं AIUDF ने कांग्रेस विधायकों के भाजपा को वोट देने का दावा किया है।
असम में इस जीत के साथ ही भाजपा ने राज्यसभा में 100 का आंकड़ा पार कर लिया है। अपने इतिहास में भाजपा पहली बार इस मुकाम पर पहुंची है और 1988 के बाद ऐसा करने वाली पहली पार्टी भी है। वहीं कांग्रेस के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं और उसने असम से अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट भी गंवा दी है। अभी तक बोरा राज्य से कांग्रेस के एकमात्र कांग्रेस सांसद थे।