राज्यसभा में सत्ता दल के नेता बनाए गए पीयूष गोयल
क्या है खबर?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नए नेता होंगे। वे थावरचंद गहलोत की जगह लेंगे जिन्हें हाल ही में कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है।
गोयल अभी तक सत्ता पक्ष के उप नेता का पद संभाल रहे थे, इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही का अच्छा-खासा अनुभव है।
वाणिज्य और उद्योग समेत तीन मंत्रालय संभाल रहे गोयल ने भाजपा के कई नेताओं को मात देकर ये पद अपने नाम किया है।
अन्य उम्मीदवार
रेस में शामिल थे ये नेता
पीयूष गोयल ने राज्यसभा के नेता की रेस में जिन नेताओं को मात दी, उनमें हाल ही में कैबिनेट में शामिल किए गए श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव भी शामिल हैं।
यादव एक अनुभवी नेता हैं और उन्हें संसदीय नियमों की अच्छी-खासी जानकारी है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, यादव को राज्यसभा का उप नेता बनाए जाने की संभावना है।
इसके अलावा नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी रेस में शामिल था।
वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण भी थीं रेस में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी सरकार की ओर से राज्यसभा का नेता बनने की रेस में थीं। वह देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में शामिल एकमात्र महिला हैं।
वह अरुण जेटली के साथ भी काम कर चुकी हैं जो गहलोत से पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।
हालांकि ये चीजें भी सीतारमण के काम में नहीं आईं और अंत में गोयल ने बाजी मारी।
मुहर
मानसून सूत्र शुरू होने से पहले लग सकती है मुहर
सरकारी सूत्रों के अनुसार, संसदीय कार्यों के मंत्री पीयूष गोयल का नाम राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू को सौपेंगे। इस फैसले पर 19 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुहर लग सकती है।
बता दें कि हाल ही में राज्यसभा के नेता विपक्ष भी बदले गए हैं और गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल पूरा होने के बाद कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को नया नेता बनाया है। वह लोकसभा में नेता विपक्ष भी रह चुके हैं।
कैबिनेट विस्तार
पिछले हफ्ते हुआ था केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार
बता दें कि पिछले ही हफ्ते मोदी सरकार की कैबिनेट का विस्तार हुआ है। इस विस्तार में 15 कैबिनेट मंत्रियों समेत 43 नेताओं ने शपथ ली थी। सात नेता ऐसे रहे जिनके मंत्रालय में फेरबदल की गई है, वहीं 36 नए चेहरे हैं।
इस विस्तार से पहले 12 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दिया था और इनमें कानून मंत्रालय संभाल रहे रविशंकर प्रसाद और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जैसे बड़े नाम भी शामिल थे।
नए चेहरे
इन नए चेहरों को दी गई है जगह
जिन नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी गई है, उनमें मनसुख मांडविया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव और पशुपति पारस आदि शामिल हैं।
मंत्रालयों की बात करें तो मनसुख मांडविया को स्वास्थ्य मंत्रालय, ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय, हरदीप सिंह पुरी को शहर एवं नगर विकास मंत्रालय, धर्मेन्द्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय, अश्विनी वैष्णव को रेलवे मंत्रालय और IT और संचार मंत्रालय और अनुराग ठाकुर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और खेल मंत्रालय दिए गए हैं।