विधानसभा चुनावों के कारण तय समय से पहले खत्म किया गया संसद का बजट सत्र
पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हो रहे विधानसभा चुनावों के कारण आज संसद के बजट सत्र को तय समय से दो हफ्ते पहले खत्म कर दिया गया। विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने यह मांग की थी जिसके बाद राज्यसभा और लोकसभा के अध्यक्षों ने आज इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। 29 जनवरी को शुरू हुए इस सत्र का पहला चरण 12 फरवरी तक चला था, वहीं दूसरा चरण 8 मार्च से शुरू हुआ था।
8 अप्रैल को खत्म होना था बजट सत्र का दूसरा चरण
बजट सत्र का यह दूसरा चरण 8 अप्रैल तक चलना था, लेकिन पार्टियों के सांसदों ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा चेयरमैन वेकैंया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उनसे चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्र को जल्द खत्म करने की मांग की। विपक्षी सांसद चाहते थे कि सत्र 19 मार्च को खत्म हो, लेकिन अंत में 25 मार्च को ऐसा करने पर सहमति बनी।
राज्यसभा में 90 प्रतिशत तो लोकसभा में हुआ 110 प्रतिशत काम
आज राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते वक्त सभापति वेकैंया नायडू ने कहा कि पूरे बजट सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 90 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 99.6 प्रतिशत और दूसरे चरण में 85 प्रतिशत काम हुआ। इसके विपरीत लोकसभा में रिकॉर्ड काम हुआ और इसकी उत्पादकता 114 प्रतिशत रही। इसका मतलब सरकार ने जो योजना बनाई थी, इस सत्र के दौरान लोकसभा में उससे भी अधिक काम हुआ।
कोरोना संक्रमित पाए जाने के कारण कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाए ओम बिरला
आज लोकसभा की अंतिम दिन की कार्यवाही के दौरान स्पीकर ओम बिरला इसमें शामिल नहीं हुए और भर्तुहरी महताब ने आज सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का ऐलान किया। बिरला को 19 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था और इसी कारण वे सदन की कार्यवाही में हिस्सी नहीं ले पाए। उनकी अनुपस्थिति में महताब के अलावा राजेंद्र अग्रवाल, रामा देवी, मीनाक्षी लेखी और मिदुन रेड्डी ने सदन की संचालन किया।
अगले हफ्ते से होने वाली है विधानसभा चुनावों की शुरूआत
बता दें कि अगले हफ्ते से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और असम में विधानसभा चुनावों की शुरूआत होने वाली है। बंगाल में 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को आठ चरणों में वोटिंग होगी। केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी, वहीं असम में 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को तीन चरणों में वोटिंग होगी। सभी नतीजे 2 मई को आएंगे।