मणिपुर विधानसभा चुनाव: दूसरे चरण में 22 सीटों पर मतदान जारी
मणिपुर विधानसभा चुनाव में आज दूसरे चरण का मतदान जारी है। छह जिलों की 22 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ था और 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे। करीब 8.38 लाख मतदाता इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे कुल 92 उम्मीदवारों के सियासी भाग्य का फैसला करेंगे। बता दें कि राज्य में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 38 पर 28 फरवरी को पहले चरण में मतदान हो चुका है।
इन जिलों में हो रहा मतदान
राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि दूसरे चरण के तहत थौबल, चांदेल, उखरूल, सेनापति, तमेंगलॉन्ग और जीरीबाम जिले में वोट डाले जा रहे हैं। इसके अलावा कांगपोकपी, चुराचांदपुर और इंफाल पूर्वी जिले के कुछ इलाकों में दोबारा वोटिंग हो रही है। यहां 28 फरवरी को पहले चरण के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को क्षतिग्रस्त कर दिया था। सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
22 सीटों पर कुल 1,247 मतदान केंद्र
दूसरे चरण के लिए 22 विधानसभा सीटों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 1,247 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनकी सुरक्षा के लिए करीब 20,000 सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। 23 बूथ ऐसे होंगे, जिन पर सिर्फ महिला कर्मचारियों की तैनाती है।
ये हैं प्रमुख उम्मीदवार
दूसरे चरण में चुनाव लड़े रहे प्रमुख उम्मीदवारों की बात करें तो तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस उम्मीदवार ओकराम इबोबी सिंह और पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएम गैखांगम गंगमेई की सीट पर सबकी निगाहें रहेंगी। भाजपा ने इस चरण में 22, कांग्रेस ने 18, नेशनल पीपल्स पार्टी ने 11, जनता दल (यूनाइटेड) और नागा पीपल्स फ्रंट ने 10-10 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इनके अलावा 12 निर्दलीय और शिवसेना समेत कई पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में हैं।
10 मार्च को आएंगे नतीजे
मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। उसी दिन उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में अभी एक चरण के लिए मतदान होना बाकी है। उत्तर प्रदेश में 3 मार्च को छठे चरण का मतदान हुआ था। अब 7 मार्च को सातवें और आखिरी चरण के वोट डाले जाएंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं और 2017 में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 28 सीटें जीती थीं, वहीं भाजपा 21 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नागा पीपल्स फ्रंट और नेशनल पीपल्स पार्टी ने चार-चार सीटें जीती थीं। चुनाव बाद भाजपा अन्य पार्टियों से जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने में सफल रही थी और एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे।