एक बार फिर अलग होने की कगार पर अखिलेश और शिवपाल- रिपोर्ट
क्या है खबर?
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के रास्ते एक बार फिर से अलग होने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवपाल सपा के साथ गठबंधन तोड़ने वाले हैं।
दोनों फरवरी-मार्च में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही एक साथ आए थे और गठबंधन में चुनाव लड़ा था।
शिवपाल सपा में बड़ी भूमिका चाहते हैं, लेकिन अखिलेश उन्हें वह देने को तैयार नहीं हैं।
नाराजगी
कई हफ्तों से अखिलेश से नाराज हैं शिवपाल
NDTV के सूत्रों के अनुसार, शिवपाल कई हफ्तों से अपने भतीजे अखिलेश से नाराज हैं। 24 मार्च को उन्होंने अखिलेश से मुलाकात भी की थी और उनसे सपा में बड़ी भूमिका की मांगी थी।
सूत्रों के अनुसार, इस पर अखिलेश ने उनको याद दिलाया कि वो उनके सहयोगी हैं, सपा के सदस्य नहीं।
सपा विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से भी शिवपाल नाराज हैं। इस पर अखिलेश ने कहा था कि ये केवल सपा विधायकों की बैठक थी।
अटकलें
योगी से मुलाकात के कारण शिवपाल के भाजपा के साथ आने की अटकलें
अखिलेश से इस नाराजगी के बीच शिवपाल ने कल उत्तर प्रदेश के मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात ने उनके सपा से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ आने की अटकलों को तेज कर दिया है।
ये पूरी तरह से अप्रत्याशित भी नहीं होगा क्योंकि यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव पहले ही भाजपा का दामन थाम चुकी हैं। वह मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं।
पहली लड़ाई
2017 विधानसभा चुनाव से पहले पहली बार अलग हुए थे अखिलेश और शिवपाल
बता दें कि अखिलेश और शिवपाल के बीच 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले झगड़ा हो गया था। मुलायम की सक्रियता कम होने के कारण इसे सपा में वर्चस्व की लड़ाई के तौर पर देखा गया था जिसमें अंत में अखिलेश ने बाजी मारी।
इसके बाद शिवपाल सपा से अलग हो गए और अगस्त, 2018 में उन्होंने अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया।
सुलह
इस विधानसभा चुनाव से पहले दोनों नेताओं में हुई सुलह
इस साल फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश और शिवपाल आपसी नाराजगी को दूर करते हुए एक साथ आ गए और दोनों ने गठबंधन कर लिया।
हालांकि इस गठबंधन में अखिलेश ने शिवपाल की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी। शिवपाल खुद इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से सपा की टिकट पर चुनाव लड़े।
उन्होंने यहां से भाजपा प्रत्याशी विवेक शाक्य को लगभग 80,000 वोटों के अंतर से हराया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजे
न्यूजबाइट्स प्लस
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों ने राज्य की 403 सीटों में से 273 सीटों पर जीत दर्ज की। इसी के साथ भाजपा दोबारा सत्ता में आ गई है।
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके सहयोगी मात्र 125 सीट ही जीत पाए, वहीं मायावती की बहुजन समाज पार्टी लगभग साफ हो गई है और मात्र एक सीट जीत हासिल की।
कांग्रेस ओर अन्य ने केवल दो-दो सीटें अपने नाम की हैं।