खराब होने लगी दिल्ली की आबोहवा, फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां बढ़ने की आशंका
क्या है खबर?
मानसून के दौरान साफ रही दिल्ली की आबोहवा अब बिगड़ रही है। दिवाली से पहले शुक्रवार को दिल्ली की हवा की गुणवता एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पर गिरकर 262 पहुंच गई थी।
हवा की गुणवत्ता आने वाले दिनों में और खराब होने की आशंका है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने अनुमान लगाया है कि शनिवार को ही दिल्ली में AQI 300 से पार पहुंच सकता है। दिल्ली के कई इलाकों में सुबह स्मॉग की चादर नजर आई।
बयान
अलर्ट पर है दिल्ली सरकार- गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर हवा की दिशा बदलती है तो राजधानी में प्रदूषण और बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अलर्ट पर है और CAQM के सभी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बैठक कर प्रदूषण रोकने के लिए 15 सूत्रीय एजेंडे को लागू करने की प्रक्रिया की समीक्षा की है।
अभियान
28 अक्टूबर से शुरू होगा 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान
राय ने बताया कि गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को कम करने के लिए दिल्ली सरकार 28 अक्टूबर से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू करने जा रही है।
सबसे पहले 2020 में लॉन्च किए गए इस अभियान के तहत ड्राइवरों को ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियां बंद रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली में हर साल होने वाली प्रदूषण की इस समस्या के पीछे वाहनों से निकलने वाला धुआं भी एक बड़ी वजह है।
नुकसान
प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ेगा बुरा असर
दिल्ली में पिछले कई सालों से अक्टूबर-नवंबर के दौरान हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है और लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से कैंसर हो सकता है। हवा में मौजूद छोटे प्रदूषक तत्व सांस के साथ अंदर जाते हैं और फेफड़ों में अटक जाते हैं। इससे फेफड़ों की सेल्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे इनमें सूजन आ जाती है।
नुकसान
जवान लोग हो रहे फेफड़ों के कैंसर का शिकार
आमतौर पर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखे जाने वाले फेफड़े के कैंसर का शिकार अब युवा लोग भी हो रहे हैं। कई शोध में पता चला है कि धुम्रपान न करने वाले लोगों को भी वायु प्रदूषण के चलते फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली में रहने वाले लोगों की जिंदगी में 10 साल की कटौती हो रही है।
ऐहतियाती कदम
पटाखों पर प्रतिबंध, 15 सूत्रीय योजना का ऐलान
दिल्ली और केंद्र की सरकारें हर साल राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का वादा करती हैं, लेकिन हर साल दिवाली के आसपास स्थिति खराब हो जाती है।
इस साल भी दिल्ली सरकार ने पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और आदेश का उल्लंघन करने पर आर्थिक जुर्माने और तीन साल की जेल का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण से लड़ने के लिए 15 सूत्रीय योजना का भी ऐलान किया है।
दिल्ली में प्रदूषण
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अगस्त में जारी की गई स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था।
प्रदूषण के कारण मौतों की सूची में भी वह छठवें स्थान पर रहा और यहां प्रति लाख आबादी पर 106 मौतें हुईं। 2019 में दिल्ली में प्रदूषण के कारण कुल 29,900 मौतें हुईं।
इससे पहले IQAir की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया गया था।