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यो-यो टेस्ट की तुलना में कैसे अलग है ब्रोंको टेस्ट? जानिए खिलाड़ियों को कैसे पहुंचेगा फायदा
ब्रोंको टेस्ट से गेंदबाजों को होगा फायदा (तस्वीर: एक्स/@BCCI)

यो-यो टेस्ट की तुलना में कैसे अलग है ब्रोंको टेस्ट? जानिए खिलाड़ियों को कैसे पहुंचेगा फायदा

Aug 21, 2025
05:46 pm

क्या है खबर?

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अब तक यो-यो टेस्ट के आधार पर अपनी फिटनेस साबित करते आए हैं। खबरों के मुताबिक, अब ब्रोंको टेस्ट के पैमाने पर भी भारतीय खिलाड़ियों को खरा उतरना होगा। ताकत और गति के लिए मशहूर खेल रग्बी के खिलाड़ी आमतौर पर ब्रोंको टेस्ट का सामना करते हैं। ऐसे में भारतीय क्रिकेट में ये नया प्रयोग होने जा रहा है। इस बीच यो-यो टेस्ट और ब्रोंको टेस्ट के अंतर को समझते हैं।

ब्रोंको टेस्ट 

भारतीय खिलाड़ियों को 6 मिनट में पूरा करना होगा ब्रोंको टेस्ट  

ब्रोंको टेस्ट फिटनेस की नई कसौटी है, जिसमें खिलाड़ी पहले 20 मीटर फिर 40 मीटर और उसके बाद 60 मीटर की शटल दौड़ पूरी करता है। यही एक सेट कहलाता है और ऐसे 5 सेट लगातार बिना रुके पूरे करने होते हैं। कुल मिलाकर खिलाड़ी को 1,200 मीटर दौड़ना पड़ता है। भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह टेस्ट और चुनौतीपूर्ण बना दिया गया है, क्योंकि उन्हें यह दूरी महज 6 मिनट के भीतर पूरी करनी होगी।

यो-यो टेस्ट 

क्या होता है यो-यो टेस्ट?

यो-यो टेस्ट भी एक ऐसा ही फिटनेस आकलन है जो खिलाड़ी की क्षमता और रिकवरी को मापता है। इसमें 20 मीटर की दूरी पर रखे गए 2 मार्करों (B और C) के बीच दौड़ना शामिल है। एक बीप (सीटी या भोंपू) खिलाड़ियों को दौड़ने का संकेत देती है। खिलाड़ियों को पहली बीप के साथ दूसरे मार्कर (C) की ओर दौड़ना होता है, जबकि उन्हें दूसरी बीप से पहले वापस (B) लौटना होता है। मार्कर A रिकवरी के लिए निर्धारित है।

रिकवरी 

ब्रोंको टेस्ट में नहीं होता रिकवरी पीरियड

ब्रोंको टेस्ट में कोई रिकवरी पीरियड नहीं होता, जबकि यो-यो टेस्ट में होता है। यो-यो टेस्ट में ऑडियो संकेत एक निश्चित गति को दर्शाता है, जो नियमित अंतराल पर बढ़ती रहती है। 40 मीटर के प्रत्येक शटल के बाद, प्रतिभागियों को 10 सेकंड का सक्रिय ब्रेक (A और B के बीच) मिलता है। बता दें कि यह टेस्ट तब तक चलता है जब तक खिलाड़ी गति से मेल नहीं खा पाते।

फायदा 

ब्रोंको टेस्ट से भारतीय गेंदबाजों को पहुंचेगा फायदा 

सभी प्रारूपों में व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर के साथ फिटनेस का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट में फिटनेस का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भारत में यो-यो टेस्ट का मानक स्कोर 16.1 निर्धारित किया गया है। वहीं ब्रोंको टेस्ट 6 मिनट के भीतर पूरा करना होगा। बता दें कि ब्रोंको टेस्ट तेज गेंदबाजों और फील्डिंग के फिटनेस स्तर को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है।