महिला आरक्षण विधेयक: गृह मंत्री अमित शाह बोले- भाजपा के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा कि 19 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम शब्दों से लिखा जाएगा और इस दिन महिलाओं को आरक्षण देने का विधेयक सदन में पेश किया गया।
उन्होंने विधेयक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला आरक्षण राजनीतिक मुद्दा है, लेकिन मोदी जी और भाजपा के लिए ये राजनीति का मुद्दा नहीं है।
बयान
शाह ने गिनाए महिलाओं के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्य
शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं के हक में और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए लिए गए फैसलों के बारे में बताया।
उन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना, जन धन योजना, प्रधानमंत्री शौचालय योजना, मुफ्त LPG योजना और प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनाओं का जिक्र किया।
उन्होंने आंकड़ों के साथ अन्य ऐसी योजनाओं का भी जिक्र किया, जिनसे महिलाओं को फायदा हुआ है।
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शाह ने बताया क्योंकि कांग्रेस का पुराना विधेयक नहीं हैं जिंदा
शाह ने कहा, "एचडी देवगौड़ा की सरकार में 1996 में यह विधेयक पहली बार लाया गया था। अटल जी सरकार में भी विधेयक लाया गया और फिर पारित नहीं पाया। 2008 में मनमोहन जी यह विधेयक राज्यसभा में लेकर आए और यह पारित हो गया।"
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "कल अधीर जी बोल रहे थे कि विधेयक अभी जीवित है, लेकिन उन्हें पता हो चाहिए लोकसभा विघटित होती है,तो विधेयक स्वत: ही विलोपित हो जाता है।"
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शाह बोले- सदन ने हर बार महिलाओं को किया निराश
शाह ने कहा, "विधेयक 4 बार सदन में आया, लेकिन पारित नहीं हुआ। हर बार सदन ने महिलाओं को निराश किया। मैं आज सभी पार्टियों से प्रार्थना करता हूं कि हम सब इस नई शुरुआत से सर्वानुमति से मातृशक्ति को नई ताकत देंगे।"
उन्होंने कहा, "इस विधेयक से सरकार ने अनुसूचित जाति/ जनजाति (SC/ST) की महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का काम किया है।"
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शाह ने परिसीमन और जनगणना को लेकर भी दिया जवाब
शाह ने विधेयक के देरी से लागू होने पर कहा, "परिसीमन हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करता है। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं। अगर सीटों पर आरक्षण देना है तो उन सीटों को तय कौन करेगा, इसके लिए परिसीमन जरूरी है।"
उन्होंने कहा, "सभी सासंदों से समर्थन करने से विधेयक की गारंटी हो जाएगी। एक बार शुरुआत तो करो। चुनाव के बाद तुरंत जनगणना और परिसीमन होगा और एक तिहाई माताएं-बहनें सदन में बैठेंगी।"
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शाह ने राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
शाह ने राहुल गांधी के सरकार के OBC विरोधी होने का जवाब देते हुए कहा, "सचिव देश नहीं चलाते हैं, सरकार देश चलाती है। भाजपा के 29 प्रतिशत सांसद और 29 प्रतिशत मंत्री OBC हैं।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने कभी भी किसी OBC प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने बनाया। मैं OBC का राग अलापने वालों से कहना चाहता हूं कि भाषणों से OBC समुदाय का भला नहीं होने वाला है।"
प्रावधान
महिला आरक्षण विधेयक में क्या प्रावधान हैं?
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है।
इन 33 प्रतिशत में से एक तिहाई सीटें SC/ST महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। विधेयक में OBC को अलग से कोई आरक्षण नहीं दिया गया है और इसे लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है।
महिलाओं को ये आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा। संसद चाहे तो इसे और बढ़ा सकती है।