महिला आरक्षण विधेयक: राहुल गांधी बोले- सरकार OBC को शामिल करे, जातिगत जनगणना कराए
क्या है खबर?
महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी राय रखी।
अपने भाषण की शुरुआत में राहुल ने कहा कि आजादी देने से पहले अंग्रेजों से पूछा कि हम सत्ता किसे ट्रांसफर करें, इस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कहा कि सत्ता भारत की जनता को ट्रांसफर करें।
उन्होंने कहा कि शुरुआत से महिलाओं को वोट का अधिकार दिया गया, जो एक क्रांतिकारी बात थी। उन्होंने ग्राम पंचायत में महिला आरक्षण के लिए अपने पिता को याद किया।
बयान
राहुल बोले- विधेयक में OBC महिलाओं के मिलना चाहिए आरक्षण
राहुल ने महिला आरक्षण विधेयक पर कहा, "इस विधेयक में महत्वपूर्ण रूप से 2 कमियां देखने को मिलीं। पहली तो जनगणना और दूसरा परिसीमन। मेरा मानना है कि ये विधेयक आज ही लागू किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि ये 7-8 साल बात आगे बढ़ाने की बात है। मैं जानता हूं कि अडाणी मुद्दे से सरकार ध्यान भटकाना चाहती है।"
उन्होंने कहा, "मैं इस विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिलाओं के लिए आरक्षण देखना चाहता हूं।"
बयान
जातिगत जनगणना से भाग रही है सरकार- राहुल
राहुल ने कहा, "नई संसद अच्छी है, लेकिन मैं यहां पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी देखना चाहता था। वो एक महिला हैं, आदिवासी समुदाय से आती हैं और मैं नए सदन में उन्हें देखना चाहता था।"
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार जातिगत जनगणना से भाग रही है। जब भी विपक्ष ये मुद्दा उठाता है, सरकार कोई नया मुद्दा उठा देती है, ताकि OBC समुदाय का ध्यान भटक जाए। सरकार को जातिगत जनगणना करानी चाहिए।"
बयान
राहुल बोले- 90 सचिवों में से केवल 3 OBC
राहुल ने कहा, "संस्थानों में OBC समुदाय का क्या प्रतिनिधित्व है? मैंने रिसर्च किया है कि सरकार के 90 सचिवों में से केवल 3 OBC समुदाय से हैं। ये जो सचिव हैं, ये सिर्फ 5 प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं।"
उन्होंने कहा, "अगर हिंदुस्तान का बजट 44 लाख करोड़ रुपये का है तो ये 2.47 लाख करोड़ नियंत्रित करते हैं। ये OBC समुदाय का अपमान है। इस विधेयक को जल्द लागू कीजिए और OBC को 33 प्रतिशत आरक्षण दीजिए।"
प्रावधान
महिला आरक्षण विधेयक में क्या हैं प्रावधान?
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है।
इन 33 प्रतिशत में से एक तिहाई सीटें SC/ST महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। विधेयक में OBC को अलग से कोई आरक्षण नहीं दिया गया है और इसे लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है।
महिलाओं को ये आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा। संसद चाहे तो इसे और बढ़ा सकती है।