अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद: अमित शाह बोले- भाजपा के पास छिपाने को कुछ नहीं
अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भाजपा के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है। उन्होंने कहा, "एक मंत्री के रूप में मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो मेरा टिप्पणी करना सही नहीं है, लेकिन इस मामले में भाजपा के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और डरने की कोई बात नहीं है।"
क्या है अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की राजनीति?
अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर पक्षपात और क्रोनी कैपिटलिज्म जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। पिछले दिनों संसद के बजट सत्र में विपक्ष दलों ने मामले में संसदीय जांच समिति गठित करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और गौतम अडाणी के बीच रिश्ते को लेकर भी सवाल खड़े किये थे।
शाह बोले- कांग्रेस शासन काल में हुआ था जमकर भ्रष्टाचार
विपक्ष के आरोपों को लेकर शाह ने कहा, "क्रोनी कैपिटलिज्म का कोई सवाल ही नहीं उठता है। कोई भी आज तक भाजपा पर इस तरह का आरोप नहीं लगा सका है। उनके (कांग्रेस) काल में 12 लाख करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ था, जिसके खिलाफ नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी एंजेंसियों ने मुकदमे दर्ज किये थे।" उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं, बल्कि कांग्रेस के शासनकाल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था।
शाह की कांग्रेस को कोर्ट जाने की चुनौती
शाह ने कहा कि न्यायालय भाजपा के प्रभाव में नहीं हैं और स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "विपक्ष के आरोप निराधार हैं, वे कोर्ट क्यों नहीं जाते? उस समय भी जब पेगासस का मुद्दा उठाया गया था, मैंने कहा था कि कोर्ट में सबूतों के साथ जाओ। वे केवल शोर मचाना जानते हैं। जो लोग कोर्ट गए थे, उनकी याचिकाओं का संज्ञान लिया गया। जांच हुई और कोर्ट ने अपना निर्णय भी दिया।"
मैंने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस पार्टी और PFI एक ही हैं- शाह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की तुलना को लेकर भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस और PFI एक ही हैं। हमने कट्टरवाद और धर्मांतरण को रोकने के लिए राजनीति के ऊपर उठकर PFI पर बैन लगाया। वे आतंकवाद के लिए कच्चा माल तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। हमारे पास इतने सारे दस्तावेज हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं।"
अडाणी-हिंडनबर्ग मामला क्या है?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। अडाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया है। समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है।
अडाणी समूह को हुआ लाखों करोड़ रुपये का नुकसान
24 जनवरी को इस हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद कुछ ही दिनों में अडाणी समूह को 120 अरब डॉलर (9.40 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो गया था। इसी बीच समूह ने हाल में बाजार से फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) वापस लिया है। समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने लगभग 32,800 करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं, वहीं भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उसे 27,000 करोड़ रुपये का लोन दिया है।