पंजाब: गुरदासपुर में पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त धमाका, 16 लोगों की मौत, 10 घायल
क्या है खबर?
बुधवार को पंजाब के गुरदासपुर में पटाखे बनाने वाली फैक्ट्री में एक जोरदार धमाका हुआ।
धमाका इतना जोरदार था कि बटाला इलाके में स्थित ये फैक्ट्री पूरी तरह से ध्वस्त हो गई।
बटाला के SDM ने घटना में 16 लोगों के मरने की पुष्टि की है।
10 लोगों के घायल होने की खबर है और इसके अलावा अन्य कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। उन्हें बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है।
जोरदार धमाका
धमाके से आसपास की इमारतों को भी हुआ नुकसान
खबरों के अनुसार, धमाका इतना जोरदार था कि आसपास की इमारतों को भी नुकसान हुआ।
घटनास्थल की तस्वीरों में फैक्ट्री से धुंआ निकलते हुए देखा जा सकता है।
आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं।
पुलिस और नागरिक प्रशासन की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद है।
जेसीबी की मदद से मलबे में दबे लोगों को निकाला जा रहा है।
नाराजगी
नियमों के खिलाफ रिहायशी इलाके में चल रही थी फैक्ट्री
फैक्ट्री नियमों के खिलाफ रिहायशी इलाके में मौजूद थी और आसपास के लोग कई बार इसकी शिकायत प्रशासन से कर चुके थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए घटना पर दुख जताया है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "बटाला में पटाखा फैक्ट्री में धमाके की वजह से लोगों की मौत की खबर से बहुत दुख हुआ है। जिलाधिकारी और SSP के नेतृत्व में बचाव कार्य जारी हैं।"
ट्विटर पोस्ट
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जताया घटना पर दुख
Deeply anguished to learn of the loss of lives due to the blast in the firecracker factory in Batala. Rescue operations are underway with the DC SSP heading the relief efforts.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 4, 2019
सनी देओल
गुरदासपुर से सांसद सनी देओल ने भी जताया घटना पर दुख
वहीं, गुरदासपुर से भारतीय जनता पार्टी सांसद सनी देओल ने भी ट्वीट करते हुए घटना पर दुख जताया।
उन्होंने लिखा, "बटाला फैक्ट्री में धमाके की खबर सुनकर दुख हुआ। NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंची हैं।"
फैक्ट्री के मालिक के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
फैक्ट्री को रिहायशी इलाके से बाहर शिफ्ट न करने के लिए स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ रोष है।