भाजपा के साथ सरकार बनाने की कोशिश समेत अजित ने शरद पवार पर क्या-क्या आरोप लगाए?
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बागी नेता अजित पवार ने बुधवार को अपने चाचा और पार्टी अध्यक्ष शरद पवार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि पवार ने उन्हें सभी लोगों के सामने एक विलेन के तौर पर प्रस्तुत किया है, लेकिन वह हमेशा उनका आदर करते रहेंगे।
बता दें कि NCP में जारी सियासी खींचतान के बीच दोनों गुटों ने आज अलग-अलग बैठकें की थीं, जिनमें अजित गुट की बैठक में अधिकांश विधायक शामिल हुए।
बयान
अजित ने पवार की उम्र को लेकर किया कटाक्ष
अजित ने शरद पवार की उम्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक करियर में आराम लेना चाहिए। उन्होंने कहा, "आप 83 वर्ष के हैं, आप कब रुकेंगे? मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अब आप आराम करें।"
अजित ने आगे कहा, "भाजपा नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।"
निशाना
2004 में कांग्रेस को नहीं दिया जाना चाहिए था मुख्यमंत्री पद- अजित
अजित ने पवार के फैसले लेने की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर 2004 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद NCP ने मुख्यमंत्री का शीर्ष पद कांग्रेस को नहीं दिया होता तो आज महाराष्ट्र में NCP का मुख्यमंत्री होता।
उन्होंने कहा, "2004 में NCP के पास कांग्रेस की तुलना में ज्यादा विधायक थे। अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता तो आज तक महाराष्ट्र में केवल NCP का ही मुख्यमंत्री होता।"
आरोप
अजित बोले- 2017 में भाजपा के साथ सरकार बनाना चाहते थे पवार
अजित ने कहा कि NCP ने 2017 में भाजपा के साथ हाथ मिलाने की कोशिश की थी, लेकिन भाजपा ने शिवसेना का साथ छोड़ने से इनकार कर दिया था।
अजित ने कहा, "पवार ने मंत्री पदों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल के साथ चर्चा करने के लिए कहा था। मैं, सुनील तटकरे और जयंत पाटिल उपस्थित थे। दिल्ली में पवार साहब ने भाजपा आलाकमान से मुलाकात की थी।"
बयान
2019 में भाजपा के साथ सरकार बनाना चाहते थे पवार- अजित
अजित ने कहा, "2019 में भाजपा और शिवसेना ने सरकार का गठन नहीं किया था। इस दौरान पवार ने भाजपा नेताओं के साथ 5 दौर की बैठक की थी, लेकिन बाद में अचानक उन्होंने अपना मन बदल लिया था। मुझसे कहा गया कि अब शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई जाएगी।"
उन्होंने कहा कि अगर तब शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई गई थी तो अब भाजपा के साथ जाने में क्या दिक्क्त है।
बयान
अजित बोले- शिंदे की बगावत के समय भाजपा के साथ आना चाहते थे NCP विधायक
अजित ने दावा किया कि पिछले साल एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के समय NCP के सभी विधायक भाजपा के साथ सरकार में शामिल होना चाहते थे।
उन्होंने कहा, "सभी विधायकों ने इस मांग को लेकर एक पत्र पर अपने-अपने हस्ताक्षर किए थे और पवार से मांग की थी। भाजपा के साथ बात करने के लिए एक समिति का गठन भी हुआ था, लेकिन पवार ने आगे बात करने से रोक दिया।"
बयान
मैंने लगातार पार्टी के लिए काम किया है- अजित
अजित ने कहा, "पवार साहब ने 1999 में कहा था कि सोनिया गांधी विदेशी हैं और वह हमारी प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं। हमने उनकी बात सुनी और अलग पार्टी का गठन किया गया।"
उन्होने आगे कहा, "हमने महाराष्ट्र में घूम-घूमकर प्रचार किया और 75 सीटें जीतीं। सभी को महत्वपूर्ण विभाग मिले, लेकिन मुझे कृष्णा खोरे महामंडल मिला, जो 6 सिर्फ जिलों तक सीमित था। फिर भी मैंने लगातार पार्टी के लिए काम किया।"
राजनीति
अजित पवार की बगावत का मामला क्या है?
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उनके खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया है। वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
उनके साथ NCP के 12 अन्य विधायक भी आए थे, जिनमें से 8 को मंत्री बनाया गया है। अजित ने NCP के 40 विधायकों का उन्हें समर्थन होने की बात कही है।