महाराष्ट्र में श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज का पूरा मामला क्या है, जिस पर गरमाई राज्य की सियासत?
महाराष्ट्र के पुणे में रविवार को पुलिस और वारकरी भक्तों के बीच बहस हो गई। इसके बाद आरोप लगे कि पुलिस ने भक्तों पर लाठीचार्ज किया है। घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले पर विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला है। बवाल बढ़ने के बाद अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की खबरों का खंडन किया है।
क्या है मामला?
दरअसल, वारकरी समुदाय के लोग हर साल पदयात्रा करते हुए आलंदी से पंढरपुर के विठ्ठल मंदिर जाते हैं। रविवार को भक्त आलंदी में संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस एक बार में मंदिर में 75 लोगों को भेज रही थी, तभी कुछ लोगों ने बेरिकेड्स तोड़ दिए और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो विवाद हो गया।
घटना का वीडियो भी सामने आया है
विपक्षी नेताओं ने लगाए लाठीचार्ज के आरोप
घटना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, "प्रशासन के कुप्रबंधन ने इस वार्षिक उत्सव पर धब्बा लगा दिया। वारकरी समुदाय पर लाठीचार्ज देखकर दुख होता है। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।" महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए।
आरोपों पर पुलिस का क्या कहना है?
पिंपरी चिंचवड के पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे ने कहा कि पुलिस ने मंदिर के न्यासियों के साथ मिलकर आयोजन के लिए बड़े स्तर पर व्यवस्था की थी, ताकि किसी अवांछित घटना को रोका जा सके। उन्होंने कहा, "पुलिस एक बार में 75 लोगों के जत्थे को मंदिर में भेज रही थी, लेकिन कुछ लोगों ने बैरिकेड तोड़कर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की।" चौबे ने लाठीचार्ज के आरोपों को खारिज किया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा- लाठीचार्ज नहीं हुआ
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने लाठीचार्ज की खबरों का रविवार को खंडन किया। उन्होंने नागपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "वारकरियों और पुलिस के बीच मामूली हाथापाई हुई, लेकिन कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है। स्थिति नियंत्रण में आ गई है और चर्चा चल रही है। मैंने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है, लेकिन मैं मीडिया घरानों से अपील करता हूं कि गलत रिपोर्टिंग के जरिए स्थिति को हवा न दें।"