अजित पवार का दावा- शरद नहीं, मैं हूं पार्टी अध्यक्ष
क्या है खबर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार और शरद पवार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। अब अजित ने शरद की जगह खुद के पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा किया है।
चुनाव आयोग को अजित खेमे ने सूचना दी है कि 30 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शरद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर अजित को इस पद के लिए चुने जाने का फैसला लिया गया था।
अजित
चुनाव आयोग से क्या बोला अजित गुट?
अजित गुट ने चुनाव आयोग को जानकारी दी कि 30 जून को कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। इसमें प्रस्ताव लाया गया कि पार्टी लोगों के कल्याण के उद्देश्य से दूर जा रही है, ऐसे में शरद की जगह अजित पवार को अध्यक्ष चुना गया है।
गुट ने ये भी कहा है कि महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अब सुनील तटकरे को दी गई है।
दावा
दोनों गुटों ने पार्टी पर दावा ठोका
आज शरद गुट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर कोई NCP के चुनाव चिन्ह पर दावा करता है तो उनकी दलीलें भी सुनी जाए। गुट ने चुनाव आयोग को बगावती विधायकों के नाम सौंपे और कहा कि इन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है।
दूसरी ओर अजित ने भी करीब 40 विधायकों के शपथ पत्र के साथ पार्टी पर दावा ठोका। अजित ने चुनाव आयोग को पत्र भेज पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी दावा किया है।
बैठक
आज दोनों गुटों ने की बैठक
आज दोपहर में NCP के दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठकें कीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित गुट की बैठक में 30 विधायक और विधान परिषद के 5 सदस्य शामिल हुए।
शरद की बैठक में 13 विधायक और 4 सांसद शामिल हुए। एक कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल अजित खेमे में तो दूसरी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले शरद के खेमे में रहीं।
अजित बार-बार अपने साथ 40 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं।
जानकारी
शरद ने कल बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
शरद ने अब कल दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि ये बैठक दोपहर 3 बजे होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है।
आगे
NCP पर अधिकार की लड़ाई में आगे क्या होगा?
अजित को दल-बदल कानून से बचने के लिए कुल 53 विधायकों में से 36 का समर्थन चाहिए होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बागी विधायकों की सदस्यता जा सकती है।
दूसरी ओर अगर अजित को इतने विधायकों का समर्थन मिल गया तो वे पूरी पार्टी पर दावा कर सकेंगे। हालांकि, इसका अंतिम निर्णय चुनाव आयोग को ही लेना है।
विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर की भूमिका भी अहम होगी।