महाराष्ट्र: मंत्रालयों का हुआ बंटवारा, जानें किसके हिस्से में आया कौन सा मंत्रालय
महाराष्ट्र में मंत्रियों की शपथ के छह दिन बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है। उद्धव ने कल देर रात राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास मंत्रालयों के बंटवारे की सूची भेजी थी जिस पर उन्होंने आज सुबह हस्ताक्षर कर दिए। इस सूची में शिवसेना के हिस्से में 10 और कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के हिस्से में नौ-नौ मंत्रालय आए हैं। किसे कौन सा मंत्रालय मिला, आइए जानते हैं।
गृह और वित्त जैसे अहम मंत्रालय NCP के खाते में
अगर महत्वपूर्ण मंत्रालयों की बात करें तो गृह और वित्त जैसे अहम मंत्रालय NCP के खाते में गए हैं। अजित पवार को वित्त मंत्रालय और अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय दिया गया है। NCP के जयंत पाटिल को सिंचाई, छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, दिलीप वल्से पाटिल को आबकारी और श्रम, जीतेंद आव्हाद को आवास, राजेश टोपे को स्वास्थ्य, राजेंद्र शिंगणे को खाद्य एवं औषधि प्रशासन और धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय मंत्रालय दिया गया है।
कांग्रेस के हिस्से में आए ये मंत्रालय
अगर कांग्रेस की बात करें तो महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट को राजस्व जैसा अहम मंत्रालय दिया गया है। इसके अलावा नितिन राउत को ऊर्जा, वर्षा गायकवाड़ को स्कूली शिक्षा, यशोमति ठाकुर को महिला और बाल कल्याण, केसी पाडवी को आदिवासी विकास, सुनील केदार को डेयरी विकास व पशुसंवर्धन, विजय वड्डेटीवार को OBC कल्याण, असलम शेख को कपड़ा और बंदरगाह और अमित देशमुख को शिक्षा और संस्कृति विभाग दिया गया है।
आदित्य ठाकरे को मिला पर्यावरण और पर्यटन मंत्रालय
वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यावरण और पर्यटन मंत्रालय दिया गया है। महाराष्ट्र के इतिहास में ये पहली बार है जब बाप-बेटा एक साथ किसी मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।
शिवसेना के खाते से इन्हें भी बनाया गया मंत्री
आदित्य के अलावा शिवसेना के खाते से जिन मंत्रियों का नाम इस सूची में शामिल है उनमें एकनाथ शिंदे को नगर विकास और सुभाष देसाई को उद्योग मंत्रालय दिया है। इसके अलावा संजय राठोड़ को वन, दादा भुसे को कृषि, अनिल परब को परिवहन और संसदीय कार्य, संदीपान भुमरे को रोजगार, शंकरराव गडाख को जल संरक्षण, उदय सामंत को उच्च व तकनीकी शिक्षा और गुलाब राव पाटिल को जलापूर्ति मंत्रालय दिया गया है।
30 दिसंबर को हुआ था मंत्रिमंडल का विस्तार
बता दें कि सत्ता और मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस-NCP के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तीनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के अनुसार, मुख्यमंत्री पद शिवसेना को गया, जबकि उप मुख्यमंत्री पद NCP और विधानसभा स्पीकर का पद कांग्रेस को मिला। उद्धव ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके एक महीने बाद 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार कर 36 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।