महाराष्ट्र: मंत्रालयों को लेकर एकमत नहीं तीनों पार्टियां, कांग्रेस ने मांगे और मंत्रालय
महाराष्ट्र में सरकार चला रही शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है। 30 दिसंबर को गठबंधन सरकार का पहला मंत्रीमंडल विस्तार हुआ था, जिसमें 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी। मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और NCP का कहना है कि यह कोई मुद्दा नहीं है जबकि सूत्र बता रहे हैं कि तीनों पार्टियों के बीच इसे लेकर अभी तक एक राय नहीं बनी है।
ग्रामीण इलाकों से जुड़े मंत्रालयों की मांग कर रही कांग्रेस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस कृषि, ग्रामीण विकास और कॉर्पोरेशन मंत्रालय की मांग कर रही है। ये मंत्रालय सीधे तौर पर गांवों से जुड़े कामकाज देखते हैं। अभी तक कृषि मंत्रालय शिवसेना और बाकी दोनों मंत्रालय NCP के पास हैं और दोनों ही पार्टियां ये मंत्रालय कांग्रेस को देने के लिए राजी नहीं हैं। विभागों के बंटवारेे के मुद्दे को सुलझाने के लिए बुधवार को कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और अशोक च्वाहण ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी।
थोराट बोले- मंत्रालयों के लिए बातचीत जारी
बैठक के बाद थोराट ने मीडिया से कहा, "अभी बातचीत चल रही है। इसके खत्म होने के बाद विभागों का बंटवारा होगा। हमने कांग्रेस के लिए दो और महत्वपूर्ण विभागों की मांग की है।"
अभी तक कांग्रेस को कौन से मंत्रालय मिले हैं?
तीनों पार्टियों के बीच हुए विभागों के बंटवारे में कांग्रेस को राजस्व, ऊर्जा, मेडिकल शिक्षा, स्कूल शिक्षा, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन, लोक निर्माण विभाग, आदिवासी कल्याण, महिला और बाल विकास, कपड़ा, राहत और पुनर्वास, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग आदि मिले हैं। कांग्रेस अब इनके अलावा कुछ और महत्वपूर्ण विभागों की मांग कर रही है। माना जा रहा है कि इस पर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
ग्रामीण इलाकों में आधार बनाने का चाह में कांग्रेस
बैठक में मौजूद एक दूसरे बड़े कांग्रेस नेता ने बताया, "गांवों से जुड़े मंत्रालय मिलने से पार्टी को ग्रामीण इलाकों में अपना आधार मजबूत करने में मदद मिलेगी। अगर कांग्रेस को ये मंत्रालय नहीं मिलते हैं तो पार्टी की ग्रामीण इलाकों से जुड़े फैसले लेने में कोई भूमिका नहीं होगी।" कांग्रेस का मानना है कि इस गठबंधन में उसे सबसे कम लाभ मिला है। कांग्रेस और मुख्यमंत्री की बैठक में NCP के अजित पवार और जयंत पाटिल भी मौजूद थे।
कृषि मंत्रालय नहीं देना चाहती शिवसेना
दूसरी तरफ शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि ठाकरे किसी भी कीमत पर कृषि मंत्रालय को अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहते। ठाकरे चाहते हैं कि सुभाष देसाई इस मंत्रालय को संभाले। ग्रामीण इलाकों से आने वाले शिवसेना के मंत्री दादा भूसे और गुलाबराव पाटिल भी इस मंत्रालय की कुर्सी पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री के बेटे और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आदित्य ठाकरे को पर्यावरण मंत्रालय का भार सौंपा जा सकता है।
कांग्रेस को अपने हिस्सा का मंत्रालय दे सकती है NCP
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए एक NCP नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने पास कई विभाग रखे हैं। इनमें से कुछ कांग्रेस को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहमति बनाने के लिए NCP अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय कांग्रेस को दे सकती है।
30 दिसंबर को 36 मंत्रियों ने ली थी शपथ
बीते 30 दिसंबर को महाराष्ट्र सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार में कुल 36 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें से 26 को कैबिनेट और 10 को जूनियर मंत्री बनाया गया गया है। इससे पहले 28 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने छह मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। 30 दिसंबर को शपथ लेने वाले मंत्रियों में सबसे बड़े नाम अजित पवार और आदित्य ठाकरे हैं। NCP के अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।