महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट की वोटिंग में अनुपस्थित रहे कांग्रेस के 10 और NCP के आठ विधायक
महाराष्ट्र विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट हुआ जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आराम से बहुमत साबित कर दिया। सरकार के समर्थन में 164 वोट पड़े, वहीं महज 99 विधायकों ने उसके खिलाफ वोट डाला। फ्लोर टेस्ट में कुल 24 विधायक अनुपस्थित रहे जिनमें से दो जेल में हैं और दो भाजपा के हैं। विपक्ष की तरफ से पड़े 99 वोट कल स्पीकर पद के चुनाव के दौरान उसके उम्मीदवार के लिए पड़े 107 वोटों से आठ कम हैं।
कांग्रेस के 10 विधायक रहे अनुपस्थित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के कुल 10 विधायक अनुपस्थित रहे। इनमें से दो दिग्गज विधायक, अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार, देरी से विधानसभा पहुंचे और उनके सदन पहुंचने तक वोटिंग हो चुकी है। इसके अलावा स्पीकर के चुनाव में उपस्थित रहे अन्य दो कांग्रेस विधायक, जीशान सिद्दीकी और धीरज देशमुख, आज विधानसभा ही नहीं पहुंचे। प्रणति शिंदे, कुणाल पाटिल, राजू आवाले, मोहनराव हम्बर्दे और शिरीष चौधरी भी अलग-अलग कारणों से फ्लोर टेस्ट में अनुपस्थित रहे।
जेल में बंद दो विधायक समेत NCP के आठ विधायक रहे अनुपस्थित
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की बात करें तो उसके आठ विधायक फ्लोर टेस्ट में अनुपस्थित रहे। इनमें से दो विधायक, नवाब मलिक और अनिल देशमुख, जेल में बंद हैं और उनका वोट न डालना तय था। इन दोनों के अलावा दत्तात्रेय विठोबा भरने, निलेश ज्ञानदेव लंके, अन्ना बनसोडे, दिलीप दत्तात्रेय मोहिते और बबन शिंदे भी वोट डालने नहीं आए। इसके अलावा कल स्पीकर चुनाव में मौजूद रहे संग्राम जगताप आज विधानसभा ही नहीं पहुंचे।
इन पार्टियों के विधायक भी रहे अनुपस्थित
इसके अलावा कल स्पीकर चुनाव में वोट नहीं डालने वाले समाजवादी पार्टी के दो विधायकों, अबू आसिम आजमी और रईस शेख, और AIMIM के दो विधायक, शाह फारुक अनवर और ने आज फ्लोर टेस्ट में भी किसी पक्ष की तरफ वोट नहीं डाला। भाजपा के दो विधायक, मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप, भी आज फ्लोर टेस्ट में अनुपस्थित रहे। इस तरह कांग्रेस के 10, NCP के आठ, सपा, AIMIM और भाजपा के दो-दो विधायकों समेत कुल 24 विधायक अनुपस्थित रहे।
ठाकरे गुट और सहयोगी पार्टी के एक-एक विधायक ने भी डाला शिंदे को वोट
फ्लोर टेस्ट पर वोटिंग में स्पीकर पद के चुनाव तक उद्धव ठाकरे के गुट में रहे शिवसेना के विधायक संतोष बांगर ने भी एकनाथ शिंदे के पक्ष में वोट डाला। इसके अलावा ठाकरे गुट की सहयोगी पार्टी के विधायक ने भी शिंदे को वोट डाला।
महाराष्ट्र में क्यों पड़ी फ्लोर टेस्ट की जरूरत?
एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के कारण महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है और फ्लोर टेस्ट की जरूरत पड़ी है। शिंदे ने पिछले महीने शिवसेना के 54 में से 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। इस बगावत से महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार अल्पमत में आ गई और 29 जून को ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।