महाराष्ट्र: अजित पवार ने ली उप मुख्यमंत्री पद की शपथ, आदित्य ठाकरे भी बने मंत्री
आज महाराष्ट्र सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ और इस दौरान कुल 36 मंत्रियों ने शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में बगावत की नाकाम कोशिश कर चुके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजीत पवार भी शामिल रहे। उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी मंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP के महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार है।
26 को कैबिनेट और 10 को बनाया गया जूनियर मंत्री
बता दें कि सत्ता बंटवारे को लेकर शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के समर्थन से सरकार बनाई थी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को छह मंत्रियों के साथ शपथ ली थी और तब से वो इन छह मंत्रियों के साथ ही सरकार चला रहे थे। आज जिन 36 मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें 26 ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली जबकि 10 को जूनियर मंत्री बनाया गया।
महाराष्ट्र में पहली बार एक साथ मंत्रिमंडल में शामिल बाप-बेटा
शिवसेना की ओर से जिन मंत्रियों ने शपथ ली उनमें MLC अनिल परब, संजय राठौड़, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे, उदय सावंत, शंभूराजे देसाई, अब्दुल सत्तार, संदीपन भूमरे और आदित्य ठाकरे शामिल रहे। महाराष्ट्र के इतिहास में ये पहली बार है जब बाप-बेटे की जोड़ी एक साथ मंत्रिमंडल में शामिल हुई है। इससे पहले 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य बने थे जिन्होंने चुनाव लड़ा था। वो विले पार्ले से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
NCP और कांग्रेस की ओर से इन मंत्रियों ने ली शपथ
NCP की तरफ से अजित पवार, दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे, राजेश टोपे, हसन मुशारिफ, नवाब मलिक, राजेंद्र शिंगने, अनिल देशमुख, जितेंद्रे अवहाद, दत्तारे भरने और अदिति टकरे शामिल रहे। वहीं कांग्रेस की ओर से अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, असलम शेख, केसी पदवी, अमित देशमुख, वर्षा गायकवाड़ और विश्वजीत कदम शामिल रहे। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने इस दौरान मंत्री पद की शपथ नहीं ली और वो मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे।
शिवसेना को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह
उद्धव ठाकरे ने तीन निर्दलीय विधायकों को भी अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है। इनमें विदर्भ के बच्चू काडू, अहमदनगर के शंकर गद्दाख और कोल्हापुर के राजेंद्र यादरावकर शामिल हैं। इन्होंने शिवसेना को अपना समर्थन दिया था।
37 दिन के अंदर दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बने अजित पवार
बता दें कि 37 दिन के अंदर ये दूसरी बार है जब अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इससे पहले 23 नवंबर को उन्होंने अपनी पार्टी NCP से बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था। तब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन NCP प्रमुख शरद पवार ने बगावत की इस कोशिश को नाकाम कर दिया और 26 को फडणवीस और अजित को इस्तीफा देना पड़ा।
भाजपा के साथ लड़ाई के बाद शिवसेना ने बनाई थी कांग्रेस-NCP के साथ सरकार
अजित पवार ने ये बगावत ऐसे समय पर की थी जब भाजपा से सत्ता के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को टकराव के बाद शिवसेना कांग्रेस और NCP के साथ सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी हुई थी और बातचीत अपने अंतिम दौर पर थी। अजित की इस बगावत के कारण तीनों पार्टियां और नजदीक आईं और इसके असफल रहने के बाद सरकार बनाई। तीनों पार्टियां कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) के तहत सरकार चला रही हैं।