
सिंचाई घोटाले से जुड़े कई मामले बंद, सरकार बोली- अजित पवार से जुड़ा कोई मामला नहीं
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ मामलों को बंद करने की खबरें आई हैं। कहा जा रहा था कि इनमें राज्य के नए उप मुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ दर्ज मामले भी शामिल हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इसका खंडन किया गया है।
सिंचाई घोटाले की जांच कर रहे महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने कहा कि यह नियमित जांच हैं और जिन मामलों को बंद किया गया है, उनमें से कोई भी पवार से जुड़ा नहीं है।
जानकारी
सिंचाई घोटाले में आरोपी है पवार
अजित पवार 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में आरोपी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस इस घोटाले को लेकर पवार पर काफी आक्रामक रहे थे, लेकिन अब उन्हें अपना डिप्टी बना लिया है।
घोटाला
क्या है सिंचाई घोटाला?
अजित पवार के 1999-2009 के बीच सिंचाई मंत्री रहते हुए मंत्रालय ने 70,000 करोड़ रुपये खर्च किये थे। आरोप लगे थे कि जिस हिसाब से पैसा खर्च हुआ, उसके अनुपात में काम नहीं हुए।
ये भी आरोप लगे कि विदर्भ और रायगढ़ में बने बांधों की कीमत को बढ़ाकर प्रस्ताव पास किए गए थे।
सिंचाई विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने पत्र लिखकर कहा था कि नेताओं के दबाव के कारण कई ऐसे बांध बनाए गए, जिनकी जरूरत नहीं थी।
जानकारी
क्या कहते हैं ACB के सूत्र?
सिंचाई घोटाले के कई मामले बंद होने के बाद महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया पर शेयर हो रही लिस्ट में कोई भी मामला कथित सिंचाई घोटाले से जुड़ा हुआ नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि आज बंद किए गए मामले सशर्त बंद किए गए हैं। अगर इन पर कोई और जानकारी मिलती है या कोर्ट आदेश देता है तो इन्हें फिर से खोला जा सकता है।
बयान
ACB के DG ने कही यह बात
ACB के महानिदेशक परमबीर सिंह ने ANI से कहा, "हम सिंचाई से जुड़े लगभग 3,000 टेंडर्स की जांच कर रहे हैं। ये सभी नियमित जांचे हैं जो बंद की गई हैं और बाकी सभी जांच पहले की तरह जारी हैं।"