तिवरे बांध टूटने से 19 लोगों की मौत, मंत्रीजी बोले- केकड़ों ने गिराई बांध की दीवार
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में तिवरे बांध टूटने से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इस भयानक हादसे के पीछे राज्य के जल सरंक्षण मंत्री केकड़ों को वजह बता रहे हैं। जी हां, मंत्री जी ने जो बयान दिया है उसके अनुसार केकड़ों की वजह से बांध में लीकेज होना शुरू हुई। बता दें, 2 जुलाई को चिपलुन में बना तिवरे बांध टूट गया था, जिससे आसपास बसे गांवों के कई घर और लोग पानी में बह गए थेे।
मंत्री जी बोले- केकड़ों की वजह से आई बांध में दरार
महाराष्ट्र की फड़णवीस सरकार में जल संसाधन मंत्री तानाजी सावंत ने बांध टूटने को लेकर अजीब तर्क दिया है। उन्होंने कहा कि यह बांध कुछ समय तक खाली था। फिर इसमें पानी संग्रह किया गया और फिर इससे पानी रिसने लगा। इस बांध में केकड़ों की बड़ी समस्या है, इसी वजह से इस बांध में लीकेज हुआ। गांव वालों ने बांध से जुड़ी जो समस्या सिंचाई विभाग को बताई, उसका निदान किया गया। जो कुछ हुआ है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।
केकड़ों ने किया दीवार में छेद- मंत्रीजी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए शिवसेना विधायक तानाजी ने कहा कि इस बांध में काफी केकड़े पाए जाते हैं। केकड़ों ने बांध की दीवार में छेद कर दिया, जिससे बांध का पानी लीक होने लगा और इसकी दीवार टूट गई।
अब तक 19 लोगों के शव बरामद
2-3 जुलाई की रात को टूटे बांध की वजह से आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। पानी के तेज बहाव में 23 लोग बह गए, जिनमें से 19 के शव बरामद कर लिए है। राहत और बचाव अभियान में लगी नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीम ने बताया कि लापता लोगों की तलाश जारी है। राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया है।
तलाशी अभियान में जुटी NDRF की टीम
शिवसेना के विधायक हैं बांध के ठेकेदार
शिवसेना के स्थानीय विधायक सदानंद चव्हाण तिवरे बांध के ठेकेदार हैं। इस हादसे के बाद वो विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। राज्य में नेता प्रतिपक्ष विजय वेडेट्टिवर ने विधायक चव्हाण और राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन का इस्तीफा मांगा है। साथ ही उन्होंने हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। जानकारी के लिए बता दें कि यह बांध साल 2000 में बना था और इसकी क्षमता 2,452 TMC थी।
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