पंजाब: कांग्रेस सरकार के खिलाफ रातभर विधानसभा में धरने पर बैठे रहे AAP विधायक
पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक राज्य सरकार के खिलाफ कल पूरी रात विधानसभा में धरने पर बैठे रहे। AAP विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के नए कृषि विधेयक की कॉपी उन्हें न देने के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। बता दें कि कांग्रेस सरकार केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि विधेयकों के असर को खत्म करने के लिए ये विधेयक लेकर आई है।
आज विधानसभा में पेश होना है विधेयक
कांग्रेस सरकार आज अपने इस कृषि विधेयक को पंजाब विधानसभा में पेश करने वाली है, लेकिन अभी तक किसी भी विधायक को इसकी कॉपी नहीं दी गई है। इसी के विरोध में AAP के विधायक रातभर विधानसभा के परिसर में बैठे रहे। कुछ विधायक आधी रात तक विधानसभा के वेल में ही धरने पर बैठे रहे और विधानसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों को उनके साथ साझा करने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष बोले- विधेयक का समर्थन करेगी AAP
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, AAP विधायक और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा ने इस मौके पर कहा, "AAP कृषि कानूनों के खिलाफ लाए जा रहे विधेयक का समर्थन करेगी, लेकिन सरकार को हमें इसकी कॉपी देनी होगी। हमें अन्य विधेयकों की कॉपी भी नहीं मिली हैं। हमारे विधायक कैसे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा और बहस करेंगे।" बता दें कि पंजाब विधानसभा में AAP के 20 विधायक हैं और ये कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
अकाली दल ने कहा- सोमवार को ही पेश होना चाहिए था विधेयक
कृषि कानूनों के विरोध में हाल ही में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) से बाहर निकलने वाले शिरोमणि अकाली दल ने भी कहा कि कांग्रेस सरकार को विधेयक को सोमवार को ही विधानसभा में पेश करना चाहिए था।
मंत्री पद से इस्तीफे के बाद पहली बार विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए सिद्धू
बता दें कि सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए। पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ये पहली बार था जब वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे। अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो डालते हुए उन्होंने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को देश की संघीय संरचना पर क्रूर हमला बताया और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकारी खरीद सुनिश्चित करने की मांग की।
कृषि विधेयकों की वजह से उबाल पर है पंजाब की राजनीति
गौरतलब है कि मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों पर पंजाब की राजनीति में उबाल आया हुआ है। इन कानूनों में सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इनका विरोध कर रहे पंजाब के किसानों का कहना है कि इनके जरिए सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।