वजन घटाने वाले टीके मोटापे से होने वाले कैंसर का खतरा कर सकते हैं कम- अध्ययन
क्या है खबर?
मोटापा कई प्रकार के कैंसर को बढ़ाने में योगदान दे सकता है, क्योंकि इसके दौरान हार्मोनल असंतुलन होते हैं, सूजन बढ़ जाती है और कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होने लगती है।
हालांकि, हाल ही में किए गए एक अध्ययन से सामने आया है कि इन दिनों जो वजन घटाने वाले टीके इस्तेमाल किए जाते हैं वे मोटापे से जुड़े कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
आइए इस नए शोध के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
इजरायल में किया गया था यह अध्ययन
मोटापा 13 तरह के कैंसर का कारण बनता है, जिनके उपचार के लिए वजन कम करना बेहद जरूरी होता है।
इसके लिए मरीजों को वजन घटाने वाले टीके और दवाएं दी जाती हैं, जिनका पतला करने के अलावा एक बड़ा सुरक्षात्मक प्रभाव भी सामने आया है।
यह अध्ययन इजरायल में किया गया था, जिसमें करीब 6,000 व्यसकों ने भाग लिया था। जानकारी के मुताबिक, ये सभी लोग वजन घटाने वाली दवाइयां या टीके लगवाया करते थे।
दवाएं
प्रतिभागियों ने ली थीं वजन घटाने वाली ये दवाइयां
इन सभी प्रतिभागियों ने या तो बैरिएट्रिक सर्जरी करवाई थी या ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1RAs) लिराग्लूटाइड, एक्सेनाटाइड या डुलाग्लूटाइड लिए थे।
ये दवाएं शरीर में GLP-1 हार्मोन की नकल करके करती हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है।
अध्ययन के मुताबिक, बैरिएट्रिक सर्जरी करवाने वालों का वजन दवाएं लेने वालों की तुलना में दुगनी तेजी से कम हुआ था।
प्रभाव
दवाइयां और सर्जरी में से कौन-सा उपचार ज्यादा कारगर?
स्पेन के मालागा में यूरोपीय कांग्रेस के सामने इस अध्ययन को प्रस्तुत किया गया था और द लैंसेट के ईक्लिनिकलमेडिसिन में इसे प्रकाशित किया गया था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि बैरिएट्रिक सर्जरी कैंसर के जोखिम को 30-42 प्रतिशत तक कम करती है।
रोगियों के वजन को कम करने में सर्जरी के लाभ को ध्यान में रखते हुए लेखकों ने पाया कि वजन घटाने वाली दवाएं मोटापे से संबंधित कैंसर को रोकने में अधिक प्रभावी थीं।
प्रमुख
अध्ययन के लेखक ने इसको लेकर क्या कहा?
इजरायल के पेटा टिकवा स्थित राबिन मेडिकल सेंटर के हैशरॉन अस्पताल के सह-प्रमुख लेखक प्रोफेसर ड्रोर डिकर ने ही इस अध्ययन का प्रतिनिधित्व किया था।
उनहोंने बताया, "मोटापे से संबंधित कैंसर के खिलाफ GLP-1RAs के सुरक्षात्मक प्रभाव कई तंत्रों से उत्पन्न होते हैं, जिसमें सूजन को कम करना भी शामिल होता है।"
उनका कहना है कि भविष्य में बनने वाली नई दवाएं कैंसर के इलाज में और भी लाभकारी साबित हो सकती हैं।