कॉटन कैंडी में मिला रोडामाइन-B रसायन क्या है, जिससे हो सकता है कैंसर?
क्या है खबर?
तमिलनाडु की सरकार ने कॉटन कैंडी के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। खबर है कि इसे बनाने में रोडामाइन-B नामक रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
दरअसल, खाद्य सुरक्षा विभाग ने हाल में कॉटन कैंडी के कुछ नमूने प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिसमें कैंसर पैदा करने वाले रसायन मिला है।
आइए जानते हैं कि ये रोडामाइन-B रसायन क्या है और कितना हानिकारक है।
रोडामाइन-B
रोडामाइन-B क्या है?
रोडामाइन-B एक तरह का रसायन है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर रंगाई के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कपड़ा, कागज, चमड़ा और पेंट उद्योग में एक 'कलर एजेंट' के रूप में किया जाता है।
पाउडर के रूप में यह रसायन हरे रंग का होता है, लेकिन पानी में डालने पर ये गुलाबी रंग में बदल जाता है। यह जहरीला होता है और खाद्य पदार्थ बनाने में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
नुकसान
कितना हानिकारक है इसका सेवन?
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस रसायन के कम या अधिक मात्रा में सेवन से समान प्रभाव होगा और यह जहर की तरह ही काम करेगा।
उन्होंने कहा कि रसायन नियमित सेवन से कार्सिनोजेन्स कैंसर और कई न्यूरोलॉजिकल दुष्प्रभाव हो सकते हैं और इससे मस्तिष्क को रीढ़ की हड्डी से जोड़ने वाले ब्रेनस्टेम को नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस रसायन के सेवन से पैरालाइसिस, ट्यूमर और लीवर फेल भी हो सकता है।
लक्षण
रसायन के सेवन से क्या हो सकती है तकलीफ?
रोडामाइन-B युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन करने वाले व्यक्ति को एलर्जी की शिकायत हो सकती है। इससे पित्ती, चेहरे, होंठ, जीभ या गले में सूजन और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
इससे पीड़ित व्यक्ति को त्वचा और आंखों में जलन, बैचेनी, घबराहट के साथ-साथ पेट में तेज या ऐंठन वाला दर्द और शरीर में सूजन की शिकायत भी हो सकती है।
अधिक दिनों तक रसायन युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से पीलिया के लक्षण भी देखने लगते हैं।
उल्लंघन
खाद्य सुरक्षा कानून का हो रहा उल्लंघन
खाद्य सुरक्षा कानून, 2006 के अनुसार, रोडामाइन-B युक्त खाद्य पदार्थ तैयार करना, पैकिंग करना, आयात करना, बेचना और परोसना दंडनीय अपराध है और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
इसके बावजूद भी इस खतरनाक रसायनिक रंग का उपयोग कॉटन कैंडी के अलावा मिठाई, टॉफी, मसाला पाउडर, सॉस, कैचअप और कई अन्य खाद्य पदार्थों में हो रहा है और खाद्य सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।