आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने से जुड़े इन नियमों को अपनाना स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना अत्यंत आवश्यक है। इसका मुख्य कारण है कि यह पाचन को स्वस्थ रखने, शरीर को हाइड्रेटेड करने समेत कई तरह के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लाभ प्रदान करने में सक्षम है। हालांकि, आयुर्वेद की मानें तो पानी के सेवन से जुड़े कुछ नियम होते हैं, जिन्हें अपनाकर पानी समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत प्रभावी साबित होता है। आइए उन्हीं नियम के बारे में जानते हैं।
पानी के सेवन से जुड़े पांच आयुर्वेदिक नियम
1) पानी को हमेशा घूंट-घूंट करके पिएं। 2) फ्रिज के ठंडे पानी की बजाय गर्म या कमरे के तापमान वाला पानी पिएं क्योंकि ठंडा पानी पाचन को धीमा कर देता है। 3) मिट्टी के बर्तन, तांबे या स्टील की चीजों में स्टोर किए गए पानी का सेवन करें। 4) पाचन की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए उबला हुआ पानी कमरे के तापमान पर ठंडा करके पिएं। 5) रोजाना अपने दिन की शुरुआत एक गिलास हल्का गर्म पानी पीकर करें।
रोजाना कितना पानी पीना स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है?
खुद को स्वस्थ रखने के लिए आपको ज्यादा पानी के सेवन की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, आयुर्वेद बताता है कि पानी को भी पचाने की जरूरत होती है। हर व्यक्ति को अपनी क्षमतानुसार पानी का सेवन करना चाहिए। हर किसी के लिए रोजाना 8-10 गिलास पानी का सेवन करना पर्याप्त है। इसके अतिरिक्त, अन्य स्वास्थ्यवर्धक पेय को भी अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
पानी कब पीना चाहिए?
खाने के 30 मिनट बाद या पहले पानी का सेवन करना सही है। यह तरीका एक वात दोष वाले व्यक्ति के लिए आदर्श है। वहीं, कफ दोष वाले व्यक्ति के लिए भोजन से 30 मिनट पहले पानी पीना सही है। हालांकि, अगर आप या आपके परिवार या दोस्तों में से कोई खाना खाने के दौरान पानी पीता है तो उसे ऐसा करने पर टोकें क्योंकि इस तरह से पानी पीना कई बीमारियों को न्यौता देता है।
पानी से संबंधित जानकारी का अभाव हो सकता है नुकसानदायक
सुनने में भले ही आपको अजीब लगे लेकिन गलत समय, गलत तरीके और गलत मात्रा में पानी पीने से पाचन संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं। इससे शरीर मधुमेह, ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, भारीपन, किडनी में दिक्कत और सुस्ती जैसी कई समस्याओं की चपेट में आ सकता है। इसलिए आपको पानी पीने से संबंधित हर जरूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि आप शारीरिक समस्याओं की चपेट में आने से बच सकें।