ओवरहाइड्रेशन: शरीर में पानी की अधिकता के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
क्या है खबर?
शरीर के बाहरी रूप के साथ-साथ अंदरूनी अंगों के लिए भी पानी का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है।
हालांकि जब व्यक्ति जरूरत से ज्यादा पानी का सेवन करने लगता है तो उसके शरीर में पानी की मात्रा असाधारण रूप से बढ़ जाती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में ओवरहाइड्रेशन कहा जाता है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आइए आज हम आपको ओवरहाइड्रेशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं ताकि आप समय रहते इससे बच सकें।
कारण
ओवरहाइड्रेशन के कारण
इस बीमारी का मुख्य कारण अधिक मात्रा में पानी का सेवन है। आप जितनी मात्रा में पानी पी रहे हैं, अगर उतनी ही मात्रा में शरीर उसे बाहर न निकाल पाए तो समझ जाएं कि शरीर में पानी की मात्रा बढ़ रही है।
इसके अलावा लिवर और किडनी संबंधित समस्याओं और कॉग्निटिव हार्ट फेलियर जैसी बीमारियां भी ओवरहाइड्रेशन का कारण हो सकती हैं।
मानसिक रोगों से संबंधित दवाएं और डाइयुरेटिक दवाओं का सेवन भी ओवरहाइड्रेशन का कारण बन सकता है।
लक्षण
ओवरहाइड्रेशन से जुड़े लक्षण
मतली, उल्टी, सिरदर्द, उलझन महसूस होना और भटकाव का अहसास होना ओवरहाइड्रेशन के मुख्य लक्षण हो सकते हैं।
इसके अलावा मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन या मांसपेशियों में मरोड़े उठना भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
इसी के साथ मिर्गी के दौरे आना और होश न रहना (बेहोशी) जैसी समस्याएं होना भी इस बात की ओर इशारा करती हैं कि आपको ओवरहाइड्रेशन की बीमारी हो सकती है।
निदान
ओवरहाइड्रेशन का कैसे पता लगाया जा सकता है?
ओवरहाइड्रेशन का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह शारीरिक जांच और टेस्ट के बाद आपको इस समस्या के बारे में बता सके।
इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर आपकी पानी पीने की आदत और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं।
इसके अलावा डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट या फिर यूरिन टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं जिससे शरीर में तरल पदार्थ की स्थिति का पता चल सकता है।
बचाव
ओवरहाइड्रेशन से बचाव के उपाय
रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें और पानी का सेवन उम्र और शारीरिक श्रम के अनुसार बदलते रहें। वैसे एक सामान्य अवधारणा यह है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में दो-चार लीटर पानी का सेवन करना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति को किडनी संबंधित रोग या मुधमेह की बीमारी है तो समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं ताकि आपको इनकी स्थिति का पता चल सके।
बार-बार प्यास लगने की समस्या को डॉक्टर से साझा करें।