गर्मियों में बहुत लाभदायक है शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास, जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
गर्मियों में लोग अलग-अलग तरीकों से गर्मी से छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं। कोई घर पर AC या कूलर की व्यवस्था करता है तो कोई घर की सजावट ऐसी करता है जिससे ठंडक का अहसास हो। हालांकि क्या आप जानते हैं कि शीतकारी प्राणायाम का रोजाना अभ्यास करके भी आप गर्मियों में ठंडक पा सकते हैं और इससे आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। आइए इस प्राणायाम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
शीतकारी प्राणायाम के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब जीभ को ऊपर की ओर रोल करें और इससे ऊपरी तालु को छुएं। इसके बाद दांतों को एक साथ मिलाएं और होठों को अलग रखें ताकि दांत दिखें। फिर धीरे से लंबी सांस लें। इस दौरान मुंह से 'हिस' की आवाज उत्पन्न होगी। इसके बाद अपने होंठों को आपस में मिलाकर नाक से सांस को धीरे से छोड़े। इस प्रक्रिया को लगभग 20-25 बार दोहराएं।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको सर्दी, खांसी या फिर टॉन्सिल जैसी समस्याएं हैं तो शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास करने से बचें। इसके अतिरिक्त कम रक्तचाप या अस्थमा से ग्रसित लोगों को भी शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है। इसी के साथ हृदय और पुरानी कब्ज से पीड़ित लोगों को भी इस प्राणायाम का अभ्यास न करने की सलाह दी जाती है।
शीतकारी प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप शीतकारी प्राणायाम का रोजाना अभ्यास करते हैं तो इससे आपको तनाव से राहत मिल सकती है। इस प्राणायाम से ठंडक का अहसास होता है और शरीर और दिमाग को शांत रखने में मदद मिलती है। यह भूख और प्यास को नियंत्रित करने में भी मददगार है और उच्च रक्तचाप वालों के लिए भी यह बेहद लाभकारी है। शीतकारी प्राणायाम पित्त से जुड़ी बीमारियों से भी बचाता है और इसका शरीर के आतंरिक अंगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शीतकारी प्राणायाम से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
अगर आप शीतकारी प्राणायाम का पहली बार अभ्यास कर रहे हैं तो आपको गले में खराश या सांस लेने में समस्या हो सकती है। ऐसे में इस प्राणायाम के अभ्यास से पहले ऐसे प्राणायाम या योगासनों का अभ्यास करें जो शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। शुरुआत में यह प्राणायाम धीरे-धीरे करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको इस प्राणायाम को करने में कोई समस्या नहीं होगी।