#NewsBytesExplainer: वसा कम करने और वजन घटाने में क्या अंतर है और कौन-सा बेहतर है?
फिटनेस के लिए सबसे आम लक्ष्य रुझानों में से एक वजन घटाना है। दुनियाभर में बहुत से लोग मोटापे से ग्रस्त हैं और वे अतिरिक्त वसा को कम करने और फिट होने के लिए डाइटिंग और कठोर वर्कआउट करते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि वसा कम करना और वजन घटाना एक-दूसरे से भिन्न हैं? अगर आप तकनीकी पहलुओं को समझेंगे तो आपको बहुत बड़ा अंतर मिलेगा। आइए इसके बारे में जानते हैं।
वजन घटाना क्या है?
वजन घटाने से मतलब मांसपेशियों, पानी, वसा और ग्लाइकोजन के नुकसान से शरीर के वजन में कमी से है। वजन कम तब होता है जब आप कसरत करते हुए जितनी कैलोरी जलाते हैं, उससे कम कैलोरी का उपभोग करते हैं। ऐसी कई चीजें हैं, जो दैनिक आधार पर वजन में उतार-चढ़ाव को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, अलग-अलग सोडियम का सेवन, डाइटरी फाइबर की अलग-अलग मात्रा और भोजन।
वसा कम करने का मतलब क्या है?
शरीर में वसा के स्तर में गिरावट को वसा घटाना कहा जाता है। वसा घटाते समय जितना संभव हो उतना मांसपेशियों को बनाए रखते हुए वजन कम करना होता है, यानि मांसपेशियों को नहीं घटाना। ये आपको अधिक फिट लुक पाने में मदद करता है। वसा कम करने के लिए मुख्य रूप से शक्ति या प्रतिरोध प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होती है, ताकि आप मांसपेशियों पर जोर न देते हुए इनका निर्माण करें। इसमें उचित पोषण आवश्यक है।
वजन घटाने और वसा कम करने के बीच का अंतर
वजन घटाने में पानी और मांसपेशियों का नुकसान भी शामिल है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। दूसरी तरफ वसा कम करना पुरानी बीमारियों, सूजन से जुड़े जोखिम कारकों और मांसपेशियों के नुकसान को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। वसा घटाने के लिए हम जो भोजन खाते हैं, उसकी गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण है, लेकिन वजन घटाने के लिए खाने में कई तरह के बदलाव करने होते हैं, जिनसे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
इनमें से स्वास्थ्यप्रद विकल्प क्या है?
वजन घटाना और वसा कम करना दोनों ही सही हैं, लेकिन अगर हम स्वास्थ्य के नजरिए से तुलना करें तो वजन घटाने की तुलना में वसा कम करना कहीं बेहतर है। इसका कारण है कि वसा कम करने से शरीर में स्वस्थ वजन बनाए रखना आसान हो जाता है। अध्ययनों के अनुसार, आंत वसा के उच्च प्रतिशत से मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग आदि बीमारियों की संभावना अधिक होती है।
स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए BMI पर दें ध्यान
बॉडी मास इंडेक्स (BMI) एक तरह का कैलकुलेटर होता है, जिसका इस्तेमाल यह जानने के लिए होता है कि आपका वजन कम है, ज्यादा है या ठीक है। BMI की गणना व्यक्ति के वजन और ऊंचाई को ध्यान में रखकर की जाती है और इससे आप यह आसानी से जान सकते हैं कि आप अधिक वजन वाले हैं, कम वजन वाले हैं या स्वस्थ वजन सीमा में है। यहां जानिए मोटापे को कम करने के लिए फास्टिंग कितनी सही है।
BMI की श्रेणियां
अगर आपका BMI 18.5 से 24.9 के बीच आता है तो समझ जाए कि आप स्वस्थ वजन वर्ग में हैं। हालांकि, अगर आपका BMI 18.5 से नीचे है तो आप अंडरवेट कैटेगरी में हैं यानी आपका वजन आपके शरीर के मुताबिक कम है। जिस व्यक्ति का BMI 25 से 29.9 के बीच होता है तो वह अधिक वजन की श्रेणी में आता है। अगर आपका BMI 30 से 39.9 के बीच है तो आप मोटापे की श्रेणी में हैं।
मोटापे से बचे रहने के लिए किन चीजों का सेवन न करें?
डाइटीशियन के मुताबकि, कई ऐसी चीजें हैं, जिनका सेवन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। बेहतर होगा कि लोग अधिक नमक युक्त भोजन का सेवन न करें, वसा युक्त दुग्ध उत्पादों से दूरी बना लें, अधिक तली और मसालेदार चीजें न खाएं, सैचुरेटेड फैट और हाड्रोजेनेटेड फैट युक्त सामग्रियों का इस्तेमाल न करें। इसी के साथ कार्बोनेटेड और अधिक मीठे पेय पदार्थ के साथ-साथ अल्कोहल के सेवन से भी दूर रहें।