#NewsBytesExplainer: सर्च इंजनों का इतिहास, जानें कैसा रहा इनका सफर
इंटरनेट पर आज जितनी अधिक और व्यवस्थित जानकारी उपलब्ध है उसके यहां तक पहुंचने का सफर काफी लंबा है। इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करने और उसका रिजल्ट पाने में सर्च इंजन की भी बड़ी भूमिका है। आज गूगल सर्च और माइक्रोसॉफ्ट बिंग प्रभावशाली सर्च इंजन हैं, लेकिन इससे पहले कई सर्च इंजन आए और गए। एक समय के प्रभावशाली सर्च इंजन याहू सर्च का नाम मिट गया है। जान लेते हैं सर्च इंजनों का इतिहास।
वर्ष 1990 में आया पहला सर्च इंजन
वर्ष 1990 में खोजा गया पहला सर्च इंजन आर्ची है। वर्ल्ड वाइड वेब (www) का अविष्कार करने के एक साल बाद इस शुरुआती सर्च इंजन ने डाउनलोड करने लायक फाइलों के इंडेक्स को क्रॉल किया। हालांकि, सीमित डाटा की वजह से इसने कंटेंट को नहीं क्रॉल किया और सिर्फ लिस्टिंग ही उपलब्ध हो पाई। वर्ष 1991 में www के आविष्कारक टिम बर्नर्स-ली ने यूजर्स को विभिन्न वेबसाइटों के लिए URL खोजने में मदद करने के लिए एक वर्चुअल लाइब्रेरी बनाई।
1994 में बनाया गया याहू सर्च
वर्ष 1994 में डेविड फिलो और जेरी यांग ने याहू सर्च बनाया। यह साइट पूरे इंटरनेट पर वेब पेजों का पहली कलेक्शन थी। इसमें URL के लिए मानव-निर्मित डिस्क्रिप्शन जोड़ने की व्यवस्था की गई। वेबसाइट मालिक जानकारी पर आधारित अपनी वेबसाइटों को मुफ्त में याहू से जोड़ सकते थे, लेकिन कॉमर्शियल साइटों के लिए भुगतान करना होता था। इसी वर्ष वेब क्रॉलर लॉन्च हुआ। यह पूरे पेज को इंडेक्स करने वाला पहला सर्च इंजन था।
1995 में शुरू हुआ बैकलिंक का उपयोग
लाइकोस सर्च इंजन को भी वर्ष 1994 में लॉन्च किया गया था। इसने अगस्त तक लगभग 4 लाख डॉक्यूमेंट्स को लिस्ट किया था। जनवरी, 1995 तक उसके पास 15 लाख से अधिक डॉक्यूमेंट्स लिस्ट थे। वर्ष 1996 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने गूगल बैकरब का प्रीडिसेसर बनाया। बेहतर सर्च के लिए वेबसाइटों की रैंकिंग में मदद के लिए इसमें बैकलिंक्स का उपयोग किया गया। इसी समय आस्क जीव्स सर्च इंजन बना, जो स्पैम का शिकार हो गया।
वर्ष 1998 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च हुआ गूगल
वर्ष 1998 में गूगल आधिकारिक तौर पर लॉन्च हुआ। इस दौरान ओवरचर (पूर्व में गोटो डॉट कॉम) कंपनी PPC मॉडल को सफलतापूर्व अपनाने वाली पहली कंपनी थी। वर्ष 1999 में सिकोइया कैपिटल आदि ने गूगल में निवेश किया। इसके साथ ही AOL ने गूगल को सर्च पार्टनर बनाया। वर्ष 2000 में टेओमा इंजन जारी किया गया। 2001 में सर्च इंजन एक्साइट दिवालिया हो गया और बिक गया। आस्कजीव्स ने अपने डायरेक्ट सर्च इंजन को बदलने के लिए टेओमा को अपनाया।
वर्ष 2004 में आया माइक्रोसॉफ्ट का MSN सर्च इंजन
वर्ष 2002 में याहू ने बेहतरीन सर्च रिजल्ट के लिए अन्य सर्च इंजनों का अधिग्रहण किया। वर्ष 2003 में ऑल द वेब ने ओवरचर को लगभग 500 करोड़ में खरीदा और इंटकोमी को याहू ने खरीद लिया। इसके बाद याहू ने ओवरचर को भी खरीद लिया। गूगल ने इसी समय अपने पहले सर्च एल्गोरिदम अपडेट की घोषणा की। वर्ष 2004 में माइक्रोसॉफ्ट ने अपना नया MSN सर्च इंजन लॉन्च किया।
2007 में गूगल ने सर्च रिजल्ट में वीडियो और फोटो देना शुरू किया
वर्ष 2005 में माइक्रोसॉफ्ट के MSN सर्च इंजन ने याहू परिणामों के पक्ष में अपनी इन-हाउस टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू किया। इसी वर्ष आस्क ने आस्क जीव्स को खरीद लिया और नाम बदलकर आस्क डॉट कॉम कर दिया। इसके साथ ही टेओमा सर्च प्लेटफॉर्म को हटा दिया। वर्ष 2007 में गूगल ने यूनिवर्सल सर्च बनाया और 10-लिस्टिंग की बजाय सर्च रिजल्ट में समाचार, वीडियो, तस्वीरें और अन्य वर्टिकल जोड़े गए। 2008 में गूगल सजेस्ट ने ड्रॉपडाउन देना शुरू किया।
MSN को 2009 में बदलकर किया गया बिंग
वर्ष 2009 में MSN को नया नाम बिंग मिला। इससे अगले साल गूगल ने लेटेस्ट सर्च रिजल्ट को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अपने वेब इंडेक्सिंग सिस्टम में सुधार किया। इससे यूजर्स जैसे ही अपना सवाल दर्ज करते थे तो गूगल उन्हें रियल टाइम रिजल्ट दिखाता था। अधिक व्यवस्थित इंटरनेट बनाने के लिए वर्ष 2011 में गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट बिंग ने स्कीमा.org बनाया। इस समय गूगल ने सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए पांडा एल्गोरिदम लॉन्च किया।
2014 से 2015 के बीच हुए ये बदलाव
वर्ष 2014 में मोजिला फायरफॉक्स के लिए याहू अमेरिका का डिफॉल्ट सर्च इंजन बन गया। इस समय गूगल ने लोकल सर्च परिणामों को बेहतर बनाने के लिए गूगल पिजन एल्गोरिदम अपडेट किया। इसके जरिए यूजर्स को सटीक, प्रासंगिक लोकल सर्च रिजल्ट प्रदान करना था। इसी समय गूगल ने वेबसाइट की सुरक्षा लिए HTTPS पर जोर दिया। वर्ष 2015 में गूगल ने मोबाइल के अनुकूल वेबासइट बनाने के लिए मोबाइलगेड्डॉन लॉन्च किया।
गूगल ने पॉप-अप विज्ञापनों का उपयोग करने वालों पर की कड़ाई
वर्ष 2016 में गूगल ने स्थानीय स्पैम साइटों को हटाने के लिए गूगल पोसम पेश किया। 2017 में गूगल ने मोबाइल अनुभव को खराब करने वाले पॉप-अप विज्ञापनों का उपयोग करने वाली साइटों को दंडित किया। वर्ष 2018 में गूगल ने BERT एल्गोरिदम पेश किया, जो एक नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग मॉडल है। यह गूगल को सर्च इनपुट को अधिक सटीकता से समझने में मदद करता है। वेबसाइटों की प्रगति ट्रैक करने के लिए गूगल सर्च कंसोल लॉन्च किया गया।
2019 से 2020 तक गूगल ने किए ये अपडेट
वर्ष 2019 में गूगल ने मोबाइल-फर्स्ट इंडेक्स पेश किया। इसका अर्थ यह है कि गूगल मुख्य रूप से मोबाइल उपकरणों के लिए वेबसाइटों को इंडेक्स करता है। इसी समय गूगल ने गूगल एनालिटिक्स 4 भी लॉन्च किया। वर्ष 2020 में गूगल ने मेट्रिक्स सेट कोर वेब वाइटल्स और गूगल माय बिजनेस लॉन्च किया। यह गूगल सर्च और मैप में दुकानों आदि को खोजने में यूजर्स की मदद करने के लिए पेश किया गया।
यूजर्स के सवालों को समझने के लिए गूगल ने पेश किया AI मॉडल
वर्ष 2021 में गूगल ने मल्टीटास्क यूनिफाइड मॉडल (MUM) पेश किया। यह एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल है, जो खोजे जाने वाले जटिल सवालों को समझ सकता है और उनका जवाब दे सकता है। इसके बाद वर्ष 2022 में इसने पेज अनुभव को अपडेट किया। यह अपडेट कोर वेब वाइटल्स मेट्रिक्स के तहत वेबसाइट और पेज की रैंकिंग से जुड़ा है। गूगल ने गूगल टॉपिक भी लॉन्च किया। यह यूजर्स को खास विषयों पर जानकारी देने से जुड़ा है।