केरल: दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली बच्चे की जान, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
केरल के कोझिकोड में दिमाग खाने वाले अमीबा से संक्रमित होने के कारण 14 वर्षीय मृदुल नामक बच्चे ने अपनी जान गंवा दी है। इस दुर्लभ बीमारी को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस कहते हैं, जिससे अब तक 3 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पहला मामला मलप्पुरम की 5 वर्षीय बच्ची की मौत का था और दूसरा कन्नूर की 13 वर्षीय बच्ची की मौत का था। आज हम आपके साथ इस खतरनाक संक्रमण के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे।
क्या होता है दिमाग खाने वाला अमीबा?
प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होता है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी एक प्रकार का एक-कोशिका वाला जीव है, जिसे अमीबा के नाम से भी जाना जाता है। यह झीलों, नदियों और झरनों जैसे मीठे पानी के वातावरण में पनपता है। यह दिमाग को संक्रमित करके उसके ऊतकों को नष्ट कर सकता है। इसके कारण होने वाला मस्तिष्क संक्रमण अत्यंत दुर्लभ है, जो दूषित पानी के संपर्क में आने से फैलता है।
नदियों, झरनों और झीलों में तैरने से फैलता है यह संक्रमण
यह संक्रमण तब होता है, जब लोग ताजे पानी वाली नदियों, झरनों या झीलों में तैरते हैं। यह संक्रमण किसी अन्य स्त्रोत के जरिए नाक में दूषित पानी जाने से भी फैल सकता है। अमीबा नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके लोगों को संक्रमित करता है। जब पानी दबाव से नाक में जाता है, तब इसकी संभावना अधिक होती है। हालांकि, दूषित पानी पीने से यह संक्रमण नहीं फैलता है।
इस संक्रमण के दौरान दिखाई देते हैं ये लक्षण
दिमाग खाने वाले अमीबा से फैलने वाली इस बीमारी के मुख्य लक्षण में बुखार, सिर दर्द, उल्टी और दौरे पड़ना शामिल हैं। बाद के लक्षणों में गर्दन में अकड़न, भ्रम, ध्यान लगाने में कठिनाई और मतिभ्रम हो सकते हैं। ये सभी गंभीर लक्षण संक्रमण की प्रगति का संकेत देते हैं और स्तिथि को बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए तत्काल अस्पताल जाना चाहिए, वरना यह अमीबा मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
दिमाग खाने वाले अमीबा से बचने के लिए बरतें ये सावधानी
स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है। अगर आप ताजे पानी में तैरने जा रहे हैं या गोता लगा रहे हैं, तो अपनी नाक बंद कर लें या नाक पर क्लिप लगा लें। इसके अलावा गर्म पानी के झरनों और नदियों में तैरते समय अपने सिर को पानी के बाहर ही रखें। अपनी नाक को साफ करने के लिए मिनरल वॉटर या उबले हुए पानी का इस्तेमाल करें।
इस संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हो सकती हैं कुछ दवाइयां
नेगलेरिया फाउलेरी मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट कर सकता है और मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकता है। दुर्भाग्य से इससे पीड़ित 97% से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है। यह संक्रमण बहुत तेजी से प्रगति करता है, इसी कारण से बीमारी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, इस बात के कुछ सबूत पाए गए हैं कि कुछ दवाइयां इस संक्रमण के इलाज में प्रभावी हो सकती हैं।