गर्मियों में पाचन संबंधी समस्याओं से रहना चाहते हैं सुरक्षित? इन 5 योगासनों का करें अभ्यास
क्या है खबर?
उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है और बढ़ते तापमान के कारण अधिक पसीना आने से शरीर में पानी की कमी होती है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है।
इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन पोषक तत्वों के ठीक से न पचाने और अवशोषण को खराब करता है, जिससे ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आइए कुछ ऐसे योगासन जानते हैं, जिनका रोजाना अभ्यास पाचन संबंधी समस्याएं को दूर कर सकता है।
#1
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को धीरे-धीरे घुटनों से मोड़ते हुए छाती के पास लाएं।
अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हुए उंगलियों को आपस में कस लें।
इसके बाद सिर और कंधों को जमीन से उठाते हुए नाक को दोनों घुटनों को बीच लगाने का प्रयास करें।
कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें, फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#2
उत्तानासन
सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं, फिर सांस छोड़ते हुए कूल्हों की तरफ से मुड़कर नीचे झुकें।
ध्यान रहें कि घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक-दूसरे के समानांतर हों।
इसके बाद हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
यहां जानिए उत्तानासन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
#3
बालासन
सबसे पहले जमीन पर वज्रासन की मुद्रा में बैठकर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
यहां जानिए बालासन से जुड़ी सावधानियां और फायदे।
#4
मलासन
इसके लिए योगा मैट पर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर और कंधे की सीध से बाहर की तरफ फैलाकर बैठ जाएं। ध्यान रहें कि बैठते समय कमर का ऊपरी भाग सीधा होना चाहिए।
इस अवस्था में आने के बाद शरीर मल त्यागने वाली मुद्रा में दिखाई देने लगेगा।
अब दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें, फिर आसन को धीरे-धोरे छोड़ दें।
#5
बिटिलासन
सबसे पहले योगा मैट पर घुटने मोड़कर खड़े होएं, फिर आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को अपने आगे सीधे जमीन पर टिका लें।
अब कूल्हे को ऊपर की तरफ और पेट को जमीन की ओर दबाएं। इसके बाद सिर को उठाते हुए कुछ सेकंड सीधे या फिर आसमान की तरफ देखें।
कुछ देर इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे पहले वाली अवस्था में वापस आ जाएं और आसन छोड़ दें।