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औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी है जटामांसी, जानिए इससे मिलने वाले फायदे
जटामांसी के फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी है जटामांसी, जानिए इससे मिलने वाले फायदे

लेखन अंजली
Nov 17, 2023
02:20 pm

क्या है खबर?

जटामांसी एक फूल वाला पौधा है, जिसे अंग्रेजी में 'स्पाइकनार्ड' के नाम से जाना जाता है और 'नार्डिन' भी कहा जाता है। यह धीरे-धीरे लुप्त हो रही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे हिमालय, नेपाल और चीन की पर्वत श्रृंखलाओं में उगाया जाता है। इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से इत्र, पारंपरिक चिकित्सा और धार्मिक अनुष्ठानों के रूप में किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि जटामांसी के इस्तेमाल से क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।

#1

मिर्गी के दौरे का कर सकती है इलाज

यह जड़ी-बूटी तंत्रिका तंत्र में हार्मोन के संतुलन को बनाए रख सकती है, जिससे मिर्गी से पीड़ित रोगियों को दौरे की घटनाओं को रोकने में मदद मिलती है। आमतौर पर आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में दौरे को रोकने में बेहतर परिणाम के लिए जटामांसी जड़ के पाउडर को अन्य जड़ी-बूटियों जैसे वचा और अभ्रक भस्म के साथ मिश्रित किया जाता है। इसके अतिरिक्त जटामांसी के एंटी-ऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव के नुकसान से बचाते हैं।

#2

अनिद्रा की समस्या कर सकती है दूर

जटामांसी अनिद्रा के इलाज के लिए एक सिद्ध प्राकृतिक इलाज है। यह शरीर और दिमाग को शांत रखती है और स्लीप साइकिल को सुधारने में मदद करती है। जब इस जड़ी बूटी को अश्वगंधा के साथ मिलाकर लिया जाता है तो ऊर्जा स्तर में सुधार होने समेत चिड़चिड़ापन, अवसाद और तनाव जैसे अनिद्रा से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

#3

मेमोरी बूस्टर का कर सकती है काम

जटामांसी एक प्रभावी मेमोरी बूस्टर के रूप में भी काम कर सकती है। यह सीखने और संज्ञानात्मक कौशल में सुधार कर सकती है। साथ ही यह एक पुनर्स्थापना एजेंट के रूप में कार्य करती है और कमजोर याददाश्त से पीड़ित लोगों की मदद करती है। लाभ के लिए जटामांसी के पाउडर को ब्राह्मी, अश्वगंधा और वाचा के साथ मिलाकर पानी के साथ निगलें।

#4

ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कर सकती है नियंत्रित 

जटामांसी को ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी जाना जाता है, जो इसे मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी बनाता है। इसका पाउडर ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का प्राकृतिक तरीका है। इसके अलावा इसकी छाल और फल दोनों में हाइपोलिपिडेमिक गुण होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद कर सकता है।

#5

पाचन संबंधी समस्याओं से दिलाती है राहत 

अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहते हैं तो जटामांसी से बेहतर आपके लिए कुछ भी नहीं है। इस जड़ी-बूटी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो पाचन क्रिया में सुधार करते हैं। नियमित रूप से इसके पाउडर का सेवन करने से कब्ज, पेट में दर्द, पेट के अल्सर और सूजन समेत कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। पाचन क्रिया में सुधार के लिए इन घरेलू नुस्खों को भी अपनाएं।