मूंगफली के उत्पादों से बच्चों में रोका जा सकता है एलर्जी का खतरा, अध्ययन में खुलासा
ब्रिटेन में हुए एक हालिया अध्ययन में यह सामने आया है कि 4-5 महीने से लेकर 5 साल की उम्र तक के बच्चों को मूंगफली के उत्पाद खिलाने से किशोरावस्था में मूंगफली एलर्जी होने की संभावना काफी कम हो सकती है। अध्ययन के शोधकर्ताओं ने बताया छोटे बच्चों को मूंगफली का पेस्ट बनाकर खिलाने से उनमें मूंगफली से परहेज करने वालों की तुलना में मूंगफली से एलर्जी होने का खतरा लगभग 70 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
छोटी उम्र में ही मूंगफली उत्पाद खिलाने से एलर्जी के मामलों में आ सकती है गिरावट
NEJM एविडेंस पर प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, बच्चों की डाइट में मूंगफली युक्त चीजें शामिल करने से ब्रिटेन में हर साल मूंगफली एलर्जी के लगभग 10,000 मामलों को रोका जा सकता है, जबकि वैश्विक मामलों में सालाना 1 लाख की कटौती हो सकती है। किंग्स कॉलेज लंदन में बाल चिकित्सा एलर्जी के प्रोफेसर गिदीन लैक ने कहा, "इस अध्ययन से स्पष्ट है कि मूंगफली के शुरूआती सेवन से एलर्जी के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा मिल सकती है।"
एक्जिमा से ग्रस्त बच्चे मूंगफली की एलर्जी के प्रति होते हैं अधिक संवेदनशील- गिदीन
गिदीन ने यह भी बताया कि अगर बच्चे को एक्जिमा है तो उसे 4 महीने की उम्र से ही मूंगफली खिलाना शुरू कर देना चाहिए, जबकि बिना एक्जिमा वाले बच्चे को 6 महीने में मूंगफली खिलानी चाहिए। उनका कहना है, "एक्जिमा वाले बच्चों में मूंगफली एलर्जी विकसित होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि भोजन के अवशेष त्वचा में अधिक आसानी से प्रवेश कर सकते हैं और त्वचा को एलर्जी के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं।"
कम उम्र से ही बच्चों को मूंगफली खिलाने से एलर्जी से रखा जा सकता है सुरक्षित
अध्ययन से यह भी बात सामने आई कि अब ब्रिटेन में 50 बच्चों में से एक को एलर्जी है और हर साल इससे जुड़े लगभग 14,000 और नए मामले आते हैं, लेकिन 20 प्रतिशत बच्चे इस एलर्जी से उबर भी जाते हैं। हालांकि, अब अध्ययन में कहा गया कि छोटी उम्र से बच्चों को मूंगफली खिलाने से एलर्जी पर रोकथाम संभव है और अगर बच्चों में मूंगफली एलर्जी का जल्दी पता चल जाए तो इम्यूनोथेरेपी से इलाज हो सकता है।
छोटे बच्चों को इस तरह से खिलाएं मूंगफली
अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा, "स्तनपान कर रहे बच्चों को भी मूंगफली का मक्खन या मूंगफली पफ खिलाया जा सकता है क्योंकि ये चीजें नरम होती हैं, जिन्हें वे आसानी से पचा सकते हैं। लाभ के लिए बच्चे को सप्ताह में 3 बार एक छोटी चम्मच मूंगफली का मक्खन बच्चे को दिया जा सकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि छोटे बच्चों को साबुत या कुटी हुई मूंगफली देने से बचे क्योंकि ये उनके गले में अटक सकती हैं।