खजूर का सिरका मधुमेह के मरीजों में ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को करता है कम- अध्ययन
क्या है खबर?
मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है, जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर बढ़ जाता है, जिससे अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है। वैसे तो इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं खोजा जा सका है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के उपाय उपलब्ध हैं। अब एक अध्ययन से सामने आया है कि मधुमेह पीड़ित खजूर के सिरके का सेवन करके ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं।
अध्ययन
4 देशों के शोधकर्ताओं ने मिलकर पूरा किया यह अध्ययन
इस अध्ययन को चीन, पाकिस्तान, सऊदी अरब और ओमान के कई शोधकर्ताओं ने मिलकर पूरा किया है। इसे 'फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन' नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है। इससे सामने आया है कि 10 हफ्तों तक रोजाना खजूर के सिरके के सेवन से ब्लड शुगर और दोनों प्रकार के कोलेस्ट्रॉल (LDL और HDL) में सुधार होता है। ये सुधार हृदय और चयापचय संबंधी जोखिमों को कम करने में भी मददगार साबित होते हैं।
प्रक्रिया
50 व्यसकों को बनाया गया था शोध का हिस्सा
इस अध्ययन में 30 से 60 साल की आयु वाले कुल 50 वयस्कों को शामिल किया गया था। प्रतिभागियों को हस्तक्षेप और नियंत्रण समूहों में बांटा गया था। हस्तक्षेप समूह के प्रतिभागियों ने 10 हफ्तों तक रोजाना 20 मिली लीटर खजूर के सिरके का सेवन किया। जबकि, नियंत्रण समूह के प्रतिभागियों ने शहद, पानी और नींबू के रस से युक्त एक प्लेसबो पेय का सेवन किया। इसमें एसिडिटी तो समान थी, लेकिन जैवसक्रिय यौगिक नहीं थे।
नतीजे
क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?
जांच से पता चला कि खजूर के सिरके के सेवन से उपवास रक्त ग्लूकोज और ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन में महत्वपूर्ण कमी आती है। नियंत्रण समूह में ये 10 हफ्तों में बढ़ गए थे। लिपिड प्रोफाइल के संबंध में सामने आया कि खजूर के सिरके का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी काफी कमी ला सकता है। वहीं, नियंत्रण समूह में इन मापदंडों में न्यूनतम कमी देखी गई। हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले लिपोप्रोटीन ने भी हस्तक्षेप समूह में वृद्धि दिखाई।
खजूर
खजूर में मौजूद होते हैं ये यौगिक
विश्लेषण के दौरान पता चला कि खजूर के सिरके में कई महत्वपूर्ण जैवसक्रिय यौगिक मौजूद होते हैं। इनमें पेक्टिन, यामोजिनिन एसीटेट, डायोसजेनिन, जेक्सैंथिन और एंथेरेक्सैंथिन शामिल हैं। इन यौगिकों की मदद से ही ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता मिलती है। अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि मधुमेह और डिस्लिपिडेमिया से पीड़ित वयस्कों में ग्लूकोज और लिपिड चयापचय को प्रबंधित करने में यह खाद्य पदार्थ अहम भूमिका निभाएगा।