कांच की बोतलों में होते हैं प्लास्टिक की बोतलों से 50 गुना ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक- अध्ययन
क्या है खबर?
घर की रसोई में जिन पदार्थों का हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं, इन दिनों उनमें माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी दर्ज की जा रही है। अब तक सामने आया था कि प्लास्टिक से बनी बोतलों और डिब्बों में ये महीन कण मौजूद होते हैं। हालांकि, एक नए अध्ययन ने इस विषय में एक आश्चर्यजनक खुलासा कर दिया है। दरअसल, इस शोध से सामने आया है कि प्लास्टिक की बोतलों की तुलना में कांच से बनी बोतलों में ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक पाए जाते हैं।
अध्ययन
फ्रांस में किया गया था यह अध्ययन
फ्रांस की खाद्य सुरक्षा एजेंसी ANSES द्वारा किए गए इस अध्ययन को जर्नल ऑफ फूड कम्पोजीशन एंड एनालिसिस नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसमें पाया गया है कि कांच की बोतलों में रखे पेय पदार्थों में प्लास्टिक की बोतलों या धातु के डिब्बों की तुलना में कई गुना अधिक माइक्रोप्लास्टिक होते हैं। शोधकर्ताओं द्वारा कांच की बोतलों में प्रति लीटर 100 माइक्रोप्लास्टिक पाए गए। यह प्लास्टिक के कंटेनरों में पाए गए कणों से 50 गुना अधिक है।
प्रक्रिया
शोधकर्ता कांच को मान रहे थे बेहतर विकल्प
फ्रांस के रहने वाले PHD छात्र इस्लिन चैब के नेतृत्व में इस अध्ययन को पूरा किया गया था। शोधकर्ताओं को उम्मीद थी कि पेय पदार्थों की पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक की जगह पर कांच एक सुरक्षित विकल्प होगा। हालांकि, जो नतीजे सामने आए वह बिलकुल उलटे थे। इस शोध को पूरा करने के लिए फ्रांस में बेचे जाने वाले विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों की पैकेजिंग की जांच की गई थी, ताकि माइक्रोप्लास्टिक्स की मात्रा का पता लगाया जा सके।
वजह
कांच की बोतलों में कैसे पहुंचते हैं प्लास्टिक के महीन कण?
जांच करने पर सामने आया कि कांच की बोतलों से निकलने वाले महीन कणों का आकार, रंग और संरचना उनके ढक्कनों के बाहर लगे पेंट के समान थे। एजेंसी ने एक बयान में कहा, "ढक्कनों पर पेंट के निशान भी थे, जो इतने महीन थे कि आंखों से दिखाई नहीं देते थे।" बंद करते समय जब ये ढक्कन एक दूसरे से रगड़ खाते हैं तो इनमें छोटी-छोटी खरोंचें पड़ जाती हैं, जिनसे प्लास्टिक के कण निकलते हैं।
पेय
किस पेय में पाए गए कितने माइक्रोप्लास्टिक?
सभी प्रकार की पैकेजिंग में बिकने वाले पानी में माइक्रोप्लास्टिक का स्तर कम था। कांच की बोतलों में बंद पानी में प्रति लीटर लगभग 4.5 कण थे। सॉफ्ट ड्रिंक, नींबू पानी और बीयर में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा बहुत अधिक थी, जो प्रति लीटर 30-60 थी। इन पेय पदार्थों को आमतौर पर पेंट किए गए ढक्कनों से बंद किया जाता है, जिनके कारण इसमें माइक्रोप्लास्टिक घुलते हैं। पेंट वाले ढक्कन होने के बाद भी वाइन में बहुत कम माइक्रोप्लास्टिक पाए गए।
उपाय
शोधकर्ताओं ने बताए पेय से माइक्रोप्लास्टिक कम करने का उपाय
खाद्य या पेय में माइक्रोप्लास्टिक के खतरनाक स्तर को निर्धारित करने के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय मानक नहीं है। इसलिए, यह निर्धारित करना मुश्किल था कि क्या ये स्तर स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करता है या नहीं। हालांकि, ANSES ने हवा, पानी और शराब से ढक्कनों को साफ करके एक परीक्षण किया, जिससे संदूषण 60 प्रतिशत तक कम हो गया। इसे माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी को घटाने का प्रभावी उपाय माना जा सकता है।