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गर्भावस्था के दौरान ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
बेहतर ब्लड सर्कुलेशन के लिए गर्भवती महिलाएं करें ये योगाभ्यास

गर्भावस्था के दौरान ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Jul 26, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे बच्चे का अच्छे से विकास होता है।इसके अलावा इससे महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली परेशानियों का सामना भी कम करना पड़ता है। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन के लिए गर्भवती महिलाएं योग का सहारा ले सकती हैं। चलिए फिर आज कुछ ऐसे ही योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं जो गर्भवती महिलाओं के ब्ल़ड सर्कुलेशन को बेहतर रखने में सक्षम हैं।

#1

ताड़ासन

सबसे पहले योगा मैट पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाकर अपनी उंगलियों को आपस में फंसा लें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हों और शरीर को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें। जब शरीर पूरी तरह तन जाए तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें और सांस लेते रहें। अंत में सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

#2

वक्रासन

सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर के घुटने के पास जमीन पर रखें। इसके बाद अपने दाएं हाथ को पीठ के पीछे की ओर रखें और बाएं हाथ को दाएं पैर के पंजे तक लाएं। फिर धीरे-धीरे दायीं ओर मुड़ते हुए पीछे की ओर देखने का प्रयास करें। कुछ मिनट इस मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#3

पर्वतासन

इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#4

शवासन

शवासन के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर आराम मुद्रा में लेट जाएं और आंखें बंद कर लें। अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखकर पैरों को भी एक-दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें। फिर धीरे-धीरे सांसें लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाएं। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें। अंत में दाईं ओर करवट लेकर उठें और आसन को छोड़ दें।