पेट के अल्सर से परेशान हैं तो रोजाना करें इन योगासनों का अभ्यास, मिलेगा काफी आराम
अल्सर पेट से जुड़ी बीमारी है। यह तब होती है जब भोजन को पचाने में मदद करने वाला एसिड पेट की दीवारों और छोटी आंत को नुकसान पहुंचाने लगता है। इस बीमारी के कारण पेट में जलन और असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। अगर आपको अल्सर है तो आप कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास करके इसके जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। आइए योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
मंडूकासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों से मुठ्ठी बनाकर इन्हें अपनी नाभि के पास रख लें। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर इस तरह से झुकें कि नाभि पर मुठ्ठी का ज्यादा से ज्यादा दबाव पड़े। इस दौरान सिर और गर्दन ऊपर उठा कर रखें। फिर धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हुए यथासंभव इस स्थिति को बनाए रखें। इसके बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ दें और विश्राम करें।
अर्धमत्स्येन्द्रासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं घुटने के ऊपर से इसके किनारे पर रख लें। इसके बाद बाएं घुटने को मोड़कर इसकी एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें और बाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ने की कोशिश करें। इस दौरान दाएं हाथ को कमर के पीछे रखें। कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
वक्रासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर के घुटने के ऊपर से बाहर की ओर जमीन पर रखें। इसके बाद अपने दाएं हाथ को पीठ के पीछे की ओर रखें और बाएं हाथ को दाएं पैर के पंजे तक लाएं। फिर धीरे-धीरे दायीं ओर मुड़ते हुए पीछे की ओर देखने का प्रयास करें। कुछ मिनट इस मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
उत्तानपादासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सावधान मुद्रा में लेट जाएं और फिर अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब सांस भरते हुए अपनी दोनों टांगों को एक साथ ऊपर की तरफ उठाएं और 30 डिग्री के कोण तक ले जाकर रोक दें। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और फिर सांस छोड़ते हुए आसन को छोड़कर कुछ मिनट विश्राम करें। इसके बाद फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।