कानों को स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
आजकल कानों से जुड़ी समस्याएं काफी बढ़ रही हैं। कानों की गलत तरीके से सफाई करना, ध्वनि प्रदूषण और तनाव आदि इसके प्रमुख कारण हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपको कान से जुड़ी किसी समस्या का सामना न करना पड़े तो रोजाना कुछ योगासनों का अभ्यास करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो कानों को स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकते हैं।
मत्स्यासन
मत्स्यासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
शून्य मुद्रा योग
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रखें कि आपके आस-पास का वातावरण शांत हो। अब अपने हाथों को घुटनों पर रखें और फिर अपने अंगूठों से मध्यम उंगलियों को इस प्रकार दबाएं कि आपके उनके बीच में शून्य का आकार बनें। अब सामान्य रूप से सांस लेते रहें और कुछ देर इस मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
वृक्षासन
वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब अपने शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से अपने बाएं पैर का तलवा दायीं जांघ पर रख लें। इसके बाद अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में ले आएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
भ्रामरी प्राणायाम
इसके लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें। अब हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद आंखों को खोलें और प्राणायाम को छोड़ दें।