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बालायाम: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और अन्य अहम बातें
बालायाम योग के दौरान बनाई जाने वाली हाथों की मुद्रा

बालायाम: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और अन्य अहम बातें

लेखन अंजली
Jun 17, 2021
06:57 am

क्या है खबर?

शरीर के हर एक हिस्से को फायदा पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरह के योगासनों का अभ्यास किया जाता है। बात अगर बालों की करें तो इससे जुड़ी समस्याओं और इसके स्वास्थ्य के लिए भी कई तरह के योग है, जिसमें बालायाम योग का भी नाम शुमार है। अगर आपको इस योगासन के अभ्यास का तरीका और इसके फायदे से लेकर अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानना है तो हमारा आज का लेख इसी पर आधारित है।

अभ्यास

बालायाम योग कैसे किया जाता है?

सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब आंखें बंद करें और मन को शांत रखने की कोशिश करें। फिर दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर छाती के सामने ले आएं और फिर उंगलियों को अंदर की ओर मोड़ें और आधी मुट्ठी बनाएं। इसके बाद दोनों हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़े। इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेते रहें। कुछ देर इस योगासन के अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

सावधानियां

अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां

अगर किसी को नाखून या फिर कलाई से जुड़ी कोई समस्या है तो उसे बालायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है। बालायाम का अभ्यास गर्भावस्था के दौरान न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि माना जाता है कि इससे गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है। हालांकि, अभी इससे जुड़ा सटीक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उच्च रक्तचाप से ग्रस्त भी यह योग नहीं करना चाहिए। इससे रक्तचाप और भी बढ़ सकता है।

फायदे

बालायाम योग के निरंतर अभ्यास से मिलने वाले फायदे

यह आसन बालों को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में मदद करता हैं। इस आसन के अभ्यास से बालों में चमक आती है। बालायाम योग बालों को घना, मजबूत और मुलायम बना सकता है। यह आसन बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने में भी सहायक हो सकता है। बालायाम योग से बाल झड़ने की समस्या भी दूर होती है। इस आसन के अभ्यास से सिर का ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।

टिप्स

बालायाम योग के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स

योगासन के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझें और इसके बाद ही अभ्यास करें। प्रत्येक चरण के साथ सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया का भी विशेष ध्यान रखें। अगर सुखासन की मुद्रा में बैठने में परेशानी होती है तो इस आसन का अभ्यास कुर्सी पर बैठकर भी किया जा सकता है। इस आसन का अभ्यास किसी शांत जगह पर बैठकर करें ताकि आपका ध्यान पूरी तरह से इस आसन पर केंद्रित हो सके।