खाने-पीने की चीजों के लेबल पर हो ये शब्द तो उन्हें खरीदने से बचें
इन दिनों मार्केट में इतना कॉम्पिटिशन बढ़ गया है कि हर ब्रांड अपने उत्पादों को बेचने के लिए इनके लेबल पर कई तरह के फैंसी टैग्स डाल देते हैं ताकि अधिकतर लोग इन्हें खरीदें। हालांकि, सिर्फ इन टैग्स को देखकर कोई भी खाने-पीने की चीज खरीदने से बचें क्योंकि इनके सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। आइए आज हम आपको ऐसे ही कुछ फैंसी टैग्स के बारे में बताते हैं, जिन्हें देखकर खाने-पीने की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
फैट फ्री या कोलेस्ट्रॉल फ्री
आजकल कई लोग सेहत को ध्यान में रखते हुए अपनी डाइट से अतिरिक्त कैलोरी को कम करने के लिए फैट फ्री और कोलेस्ट्रॉल फ्री खाने-पीने के विकल्प को चुनते हैं। हालांकि, क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि इन चीजों में से फैट को रिप्लेस करने के लिए निर्माता ऐसे विकल्प को चुनते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं होते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इन फैट विकल्प को सिंथेटिकली बनाया जाता है।
इम्युनिटी बूस्टर
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए के लिए कई तरीके अपना रहे हैं। यही कारण है कि बहुत सारे ब्रांड्स ने अपने उत्पादों की मार्केटिंग बढ़ाने के लिए इनके लेबल पर इम्युनिटी बूस्टर का टैग लगाना शुरू कर दिया है। इसलिए किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले आप पर्याप्त रिसर्च कर ले कि वह रोग प्रतिरोधक क्षमता को वास्तव में बढ़ा सकता है या नहीं।
नो शुगर एडेड
कई लोग अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए चीनी का सेवन कम से कम करना चाहते हैं और इसलिए वह ऐसे उत्पादों को खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं, जिसके पैकेट पर नो शुगर एडेड का लिखा होता है। हालांकि, ऐसे किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले एक बार इसकी सामग्रियों को अवश्य देखें। इन उत्पादों में आमतौर पर स्टेविया और एरिथ्रिटोल जैसे चीनी के विकल्प होते है, जो रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बन सकते हैं।
आर्टिफिशियल कलर्स
कई खाने-पीने वाले उत्पादों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए आर्टिफिशियल कलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, जितना हो सके ऐसे उत्पादों को खरीदने से बचें क्योंकि किसी भी तरह के आर्टिफिशियल कलर्स आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप ऐसी खाने-पीने की चीजें खरीदें, जिनमें नैचुरल फूड कलर्स का इस्तेमाल किया गया हो।