वॉटर रिटेंशन के प्रभाव को कम करने में सहायक हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
वॉटर रिटेंशन का मतलब शरीर में असामान्य रूप से पानी और नमक की मात्रा का बढ़ना है। इसके कारण व्यक्ति का वजन संतुलित नहीं रहता और विभिन्न अंगों में सूजन आने लगती है।
बता दें कि नमक का अधिक सेवन, पीरियड्स, हार्मोंन असंतुलन, हृदय की कमजोरी और गर्भावस्था आदि वॉटर रिटेंशन होने के कारण हैं।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसी हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो वॉटर रिटेंशन के प्रभाव को कम करने में सहायक हैं।
#1
जल शामक मुद्रा
जल शामक मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें।
इसके बाद आप अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर की ओर हों। अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों को कनिष्ठ (Little Finger) उंगलियों के ऊपर रखें। बाकी सभी उंगलियां सीधी रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
#2
वरूण मुद्रा
वरूण मुद्रा के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें, फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों।
इसके बाद अपनी कनिष्ठ उंगली (Little Finger) को अपने अंगूठे की नोंक से मिलाएं और बाकी उंगलियों को सीधा रखें।
अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। रोजाना 20 से 25 मिनट तक इस मुद्रा का अभ्यास करें।
#3
ज्ञान मुद्रा
ज्ञान मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें, फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों।
इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (Index finger) को अपने अंगूठे की नोक से मिलाएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें।
अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
#4
आकाश मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं।
अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपने दोनों घुटनों पर रखें।
इसके बाद अपने दोनों हाथों की मध्यमा उंगली यानि सेंटर फिंगर के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकी उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
10 से 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।