शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
अममून लोग शरीर को मजबूत बनाने के लिए जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह काम घर में ही कुछ आसान योग हस्त मुद्राओं का अभ्यास करके भी पूरा किया जा सकता है? कई ऐसी हस्त मुद्राएं हैं, जो न सिर्फ प्राकृतिक रूप से मजबूती प्रदान कर सकती हैं बल्कि शरीर में लचीलापन भी ला सकती हैं। आइए आज आपको कुछ ऐसी हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं।
गणेश मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को छाती के सामने लाकर हथेलियों को एक-दूसरे के ऊपर रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों की उंगलियों को मोड़कर एक टाइट ग्रिप बनाएं, फिर हाथों की अवस्था को बदलें यानि जो हाथ ऊपर था उसे नीचे और नीचे वाले हाथ को ऊपर की ओर लाएं। हाथों के स्थान को 15 मिनट तक ऐसे ही बदलते रहें।
वरूण मुद्रा
वरूण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों। इसके बाद अपनी कनिष्ठ उंगली को अपने अंगूठे की नोंक से मिलाएं और बाकि उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। रोजाना 20 से 25 मिनट तक इस मुद्रा का अभ्यास करें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
पृथ्वी मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपने दोनों घुटनों पर रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों की अनामिका यानी रिंग फिंगर के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकि उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 30 से 45 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।